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" दुर्मुख-खरगोश " महादेवी वर्मा की रोचक कहानी | महादेवी वर्मा की कहानियां 3 дня назад


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" दुर्मुख-खरगोश " महादेवी वर्मा की रोचक कहानी | महादेवी वर्मा की कहानियां

" दुर्मुख-खरगोश " महादेवी वर्मा की रोचक कहानी | महादेवी वर्मा की कहानियां #hindistories ______________________________________________ 🔴 दुर्मुख-खरगोश की कहानी किसी को विश्वास न होगा कि बोल-चाल के लड़ाकू विशेषण से लेकर शुद्ध संस्कृत की 'दुर्मुख', 'दुर्वासा' जैसी संज्ञाओं तक का भार संभालने वाला एक कोमल प्राण खरगोश था. परन्तु यथार्थ कभी-कभी कल्पना की सीमा नाप लेता है. किसी सजातीय-विजातीय जीव से मेल न रखने के कारण माली ने उस खरगोश का लड़ाकू नाम रख दिया, मेरी शिष्याओं ने उसके कटखन्ने स्नभाव के कारण उसे दुर्मुख पुकारना आरम्भ किया और मैंने, उसकी अकारण क्रोधी प्रकृति के कारण उसे दुर्वासा की संज्ञा से विभूषित किया . लड़ाकू नाम के लिए तो किसी से क्षमा मांगने की आवश्यकता नहीं जान पड़ती, परन्तु दुर्मुख और दुर्वासा जैसे पौराणिक नामों का ऐसा दुरुपयोग अवश्य ही चिन्तनीय कहा जाएगा! दुर्मुख से तो मैं स्वयं भी रुष्ट हूं. यह मर्यादा पुरुषोत्तम राम का गुप्तचर था और रजक द्वारा सीता सम्बन्धी अपवाद की बात राम से कहकर उसने सीता-निर्वासन की भूमिका घटित की थी. राजा अपने शत्रु राजायों के क्रिया-कलाप की जानकारी के लिए गुप्तचर रखता है, प्रजा के प्रत्येक घर में दम्पत्ति की रहस्य वार्ता जानने के लिए नहीं और यह तो सर्वविदित है कि पति-पत्नी क्रोध में एक-दूसरे से न जाने क्या-क्या कह डालते हैं. फिर क्रोध का आवेश...................................................................................................... .................जानते हैं. उसकी संतति तो अपने पूर्वज का इतिहास जानने की शक्ति नहीं रखती, परन्तु मेरे घर में उसकी विशेषतायों की चर्चा प्रायः हो जाती है. मेरे माली का आज भी निश्चित मत है कि उस खरगोश पर पहलवान जी की छाया थी, नहीं तो भला कोई खरगोश सांप से लड़कर उसके टुकड़े कर सकता है! पहलवान की समाधि कहीं पास ही है और उनकी शक्ति की इतनी ख्याति है कि दूर-दूर से ग्रामवासी मनौतियां मनाने आते हैं. पर मुझे आज भी वह छोटा, मैगनोलिया के फूल-सा कोमल श्वेत शशक-शावक स्मरण हो आता है, जिसके जीवन के आरम्भ में ही उस पर दुर्योग से मार्जरी की निष्ठुर छाया आ पड़ी थी. यदि वह अन्य शावक के समान खेलता-खाता मां की स्नेह-छाया में बड़ा होता, तो पता नहीं कैसा होता। _____________________________________________ 🔴 Music By Calvin Clavier from Pixabay _____________________________________________ #hindistories #kahaniya #story #audiobook #audiostory #कहानियां #premchand #kahani #hindikahaniya

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