У нас вы можете посмотреть бесплатно Raag Ki Tasveer | Lalit, Bibhas, Hindol | Dr. Ashwini Bhide Deshpande | Batiyan Daurawat или скачать в максимальном доступном качестве, которое было загружено на ютуб. Для скачивания выберите вариант из формы ниже:
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नमस्ते, 'बतियाँ दौरावत' का आज का आख्यान समर्पित है 'भोर की बेला' अर्थात् सूर्योदय के पूर्व के प्रभात समय को। आज हम इस समयपर गाये जानेवाले तीन रागों की तस्वीरें बनाने की कोशिश करेंगे। यह तीन राग हैं... ललित, बिभास तथा हिंडोल। मेरी धारणा है की भोर की शुरुआत होती है राग ललित से। रात की नींद में से हलके हलके, हौले हौले जागृतावस्था तक ले आने वाला यह राग है। मुझे इसके सुरों से कुछ मृदुलता, कुछ बिनती या अनुरोध की प्रतीती होती है, उल्लास या उत्साह की नहीं। मानों यह राग निद्रित अवस्थाकी व्यक्ति को प्यार-ममता भरे सुरों से कह रहा हो, कि "देखो, आसपास का सारा आसमंत अब जाग रहा है, तुम भी जागो और अपने दिन की, कार्य की शुरूआत करो! राग बिभास मेरी व्यक्तिगत, निजी पसंद का राग है और मैंने इसे बहुत बार गाया भी है। । इस राग का व्यक्तित्व मुझे ललित की अपेक्षा ज्यादा जागृतावस्था वाला प्रतीत होता है। जहाँ ललित का निर्देश बिस्तर पर लेटे हुए व्यक्ति की तरफ़ ही है, परंतु उसका इशारा व्यक्ति से ज्यादा उसके आसमंत के जागने की ओर है; वहीं विभास का अनुरोध बिस्तर त्याग कर उठ खडे हुए व्यक्ति को दर्शाता है। बिभास बात करता है, व्यक्ति की; उसके अंतर मन को, आत्मा को जगाने की। अंतर्गत चेतना की, न कि बाहरी आसमंत की। राग हिंडोल - जैसा इसका नाम है, वैसीही इसकी 'कहन'.... झूलती, झूमती हुई... सूर्योदय से पहले जब 'भोर की पुरवैया' चलनी शुरू होती है, तब हवा के झोंके से बेलाएँ, लताएँ डोलने लगती हैं, मानों झूम रही हों। फिर इन बेलाओं पर खिली - और अब पूर्ण उन्मीलित हुई कलियाँ - माने फूल - हल्के से बेला को छोड़कर जमीनपर गिरने लगती हैं, पर वे भी कैसे? चलती हवा के कारण गोल गोल घूमती हुई - फिर धरापर गिरती हैं। राग हिंडोल के झोल इसी सृष्टिसौंदर्य को दर्शाते हैं। एक बार फिर याद दिला दूँ... कि राग ललित, बिभास या हिंडोल की जो तस्वीरें मैंने आज बनाई है, उन्हीं तस्वीरों तक यह राग सीमित नहीं। तथा सुननेवालों को इनके स्वरों द्वारा, इनकी प्रस्तुति के द्वारा मेरी अपेक्षा अलग अनुभूति मिलना असंभव नहीं। बल्कि, हो सकता है, कि मुझ ही को अगली बार इन्हें गाते हुए अलग प्रचीति मिले ! Credits: Written and Presented by : Dr. Ashwini Bhide Deshpande Creative Ideation: Amol Mategaonkar Sound Recording & Mixing: Amol Mategaonkar Video Recording, Color Grading: Kannan Reddy Video Editing: Amol Mategaonkar Special thanks: Dr. Vinay Mishra, Shruti Abhyankar Opening Title Photo Credit: Varsha Panwar #hindustaniclassicalmusic, #hindustaniclassicalmusic, #musicalmusings, #raaglalit, #raagbibhaas, #raaghindil