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Raag Ki Tasveer | Marwa, Puriya, Sohoni | Sandhyakaleen Tadap | Dr. Ashwini Bhide Deshpande 8 месяцев назад


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Raag Ki Tasveer | Marwa, Puriya, Sohoni | Sandhyakaleen Tadap | Dr. Ashwini Bhide Deshpande

नमस्ते, 'बतियाँ दौरावत के इस आख्यान में आज बात करूँगी 'संध्याकालीन तड़प' के बारे में। 'संध्याकालीन तड़प' इस घटना का संबंध संगीत की दुनिया से होना जरूरी भी नहीं होता। कभी कभी, अचानक से, बिना किसी कारण के, यूँहि ... सूरज ढलने के समय पर आँख भर आती है। यह कोई दुख के कारण से नहीं, न हि यह गहरी उदासी होती है... बस्स, एक अनकही सी तड़प, अंदरूनी हुरहुर, बेवजह बेचैनी, जो हमें विक्षुब्ध, अशान्त, उद्विग्न कर देती है। आज मैं जिस राग की तस्वीर खींचने का प्रयास कर रही हूँ उसका संबंध इसी तड़प, बेचैनी, विक्षुब्धता से है। राग नियमों के अनुसार मारवाका वादी स्वर रे (कोमल) तथा संवादी ध (शुद्ध) है। मारवा को पूर्णत्व देने वाला स्वर षड्ज ही है, परंतु उसे मारवे में 'अत्पत्त्व' दिया गया है। राग मारवा को पूर्णत्व देनेवाला यह स्वर लगाने के लिए जिया तड़पता है। लगता तो है, पर लगाना नहीं है। ऐसी तड़प है मारवे की। राग मारवा के ही स्वर लेता हुआ राग है पूरिया ... मानों एक ही माँ की कोख से जन्मे दो बच्चे है ... बड़े होकर जब दोनों अपने अपने कार्यक्षेत्र में महारत हासिल की हो, नाम कमाया हो और अपनी माँ को गौरवान्वित किया हो कुछ इस तरह से मुझे मारवा और पूरिया यह दोनों राग प्रतीत होते हैं। मारवे की तड़प पूरिया में भी है, पर मारवे की छटपटाहट पूरिया में नहीं। मारवा अगर अभेद्य चट्टान है, तो पूरिया है अथाह दरिया समान। बाहर से शांत, पर अंदर ही अंदर में न जाने कितने तूफान समाया हुआ। मारवा और पूरिया इन दो निपुण, कुशल, समर्थ, सक्षम भाइयों की एक बहन है- सोहिनी। मारवा और पूरिया के ही सुरों को उपयोग में लाती है, उन्हीं की माँ की कोख से जन्मी है, परंतु सोहिनी नि:संशय स्त्रीरूपिणी है। यह रागिनी तेजस्वी है, हक जतानेवाली है। उसके तार सप्तक वाले चढ़े स्वर, कुछ कह रहे होते हैं. सोहिनी की कुछ माँगे हैं, जो वह लीनता से नहीं, बल्कि हक से माँग रही है, उनपर दावा कर रही है। इस रागिनी का बर्ताव मुझे महाभारत की तेजस्वी द्रौपदी समान प्रतीत होता है। जो भरी सभा में अपमानित किये जाने के बावजूद पराभूत नहीं है। बल्कि सारे बडे-बुजुर्गों के समक्ष अपने पतियों से यह तेजस्वी सवाल करती है, कि "मुझे दाँवपर लगाने से पहले अगर आप खुद हारे थे, तो किसी अधिकार से मुझे दाँव पर लगाया था?" Credits: Written and Presented by : Dr. Ashwini Bhide Deshpande Creative Ideation: Amol Mategaonkar Sound Recording & Mixing: Amol Mategaonkar Video Recording, Color Grading: Kannan Reddy Video Editing: Amol Mategaonkar Special thanks: Dr. Vinay Mishra, Raja Deshpande, Dr. Meenal Mategaonkar, Akanksha Mategaonkar Location Courtesy: Ganga Bhawan, Sykes extension, Kolhapur Opening Title Photo Credit: Varsha Panwar #hindustaniclassicalmusic, #hindustaniclassicalmusic, #musicalmusings, #raagmarwa, #raagpuriya, #raagsohoni

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