У нас вы можете посмотреть бесплатно खसखाने के पद,नरसिंह चतुर्दशी से स्नान यात्रा तक, ज्येष्ठ मास Khaskhane Ke Keertan Dr Bhagwan das или скачать в максимальном доступном качестве, которое было загружено на ютуб. Для скачивания выберите вариант из формы ниже:
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खसखाने के पद (नरसिंह चतुर्दशी वैशाख शुक्ल 14 से ज्येष्ठ शुक्ला पूर्णिमा, स्नान यात्रा से पहले तक) 1.अनत न जैये पिय रहिये मेरे ही महल 2.ज्येष्ठ मास तपत घाम कहांकुं सिधारो लाल 3.ऐसी धूपन में पिय जाने न देऊंगी 4.सूर आयौ सिरपर छाया आई पांयन तर 5.यमुना तट नवनिकुंज द्रुम नवदल पहुप पुंज 6.वृन्दावन सघन कुंज माधुरी लतान तर 1.अनत न जैये पिय रहिये मेरे ही महल जोई जोई कहौगे सोई सोई करोंगी टहल शय्या सामग्री वसन आभूषण सब बिध कर राखोंगी पहल चतुर बिहारी गिरिधारी पियाकी रावरी यही सहल 2.ज्येष्ठ मास तपत घाम कहांकुं सिधारो लाल ऐसी कौन चतुर नार वाको बीरा लीनों नैक तौ कृपा कीजै हमहुं कों दरश दीजै जाइये फिर बाके धाम जासुं नेह नवीनों बांह पकर भवन लाई शय्या पर दीये बैठाई अरगजा लगाय अंग हियौ सीतल कीनो रसिक प्रीतम कंठलाय लीनों रससों मिलाय अरस परस केलि करत प्रीतम बसकीनों 3.ऐसी धूपन में पिय जाने न देऊंगी विनती करजोर प्रियाके हा हा खात तेरे पैयां परुंगी तुम तौ कहावत फूल गुलाबके संगके सखा ग्वालन गारी दऊंगी परमानंददास कौ ठाकुर कर तें मुरलीयां अचक हरुंगी 4.सूर आयौ सिरपर छाया आई पांयन तर पंथी सब झुक रहे देख छांह गहरी धंधीजन धंध छांड रहे री धूपन के लिये पशु पंछी जीव जंतु चिरिया चुप रहरी ब्रज के सुकुमार लोग दैदै के किवार सोवें उपवन की ब्यार तामें पोढे पियप्यारी ॥ सूर अलबेली चल काहें कूं डरत हैं महा की मध्य रात जैसें जेठ की दुपहरी 5.यमुना तट नवनिकुंज द्रुम नवदल पहुप पुंज तहां रची नागरवर रावटी उसीरकी कुंकुम घनसार घोर पंकज दल बोर बोर चरचत चहूं ओर अवनि पंकज पाटीरकी शोभित तन गौर स्याम सुखद सहज कुंजधाम परसत सीतल सुगंध मंद गति समीरकी नंददास पियप्यारी निरख सखी ललिता ओट श्रवणन धुनि सुन आज किंकिणी मंजीर की 6.वृंदावन सघन कुंज माधुरी लतान तर यमुना पुलिन में मधुर बाजी बांसुरी जब तें ध्वनि सुनी कान मानो लागे मदन बाण प्राणन हू की कहा कहूं पीर होत पांसुरी ॥ व्याप्यौ जो अनंग ताते अंग सुधि भूल गई कोऊ निंदौ कोऊ वंदौ करौ उपहास री ॥ ऐसे व्रजाधीशजी सूं प्रीति नई रीत वाढी जाके हृदय गड रही प्रेम पुंज गांसरी ॥ डॉ भगवान दास कीर्तनकार, कामवन (अष्टछाप के श्रीगोविंदस्वामीजी के वंशज) ડૉ ભગવાન દાસ કીર્તનકાર, કામવન (અષ્ટછાપ કે શ્રીગોવિંદસ્વામીજી કે વંશજ) सम्पर्क 9828737151 #keertan #ushnakal #bhagwan_das_keertankar #khaskhane_ke_pad #nitya_seva #khaskhanekekeertan #samant_sarang #hawelisangeet #pratkalkepad #pratkal #vallabh #pushtimarg #pushtimargkeertan #pushtikirtan #keertan #khaskhane #rajbhogkepad #mahaprabhu #kirtan #havelisangeet #pushtimarg_pad #srigokulenduprabhu #keertanbhajan #keertankeertan #keertanvideo #keertansong #sarang #keertanpranalika #nityasevakeertan