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Best method grafting Nerium oleander, nerium plant 1 год назад


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Best method grafting Nerium oleander, nerium plant

01 बारिश के मौसम में कटिंग द्वारा आसानी से ग्रो होने वाले कनेर के पौधे को ज्यादा देखभाल की जरूरत नहीं होती है, इसीलिए इस पौधे की कटिंग को आउटडोर लगाया जा सकता है। आप ओलियंडर की 20 सेंटीमीटर लम्बाई की कटिंग को मई-जुलाई के महीने में गमले या गार्डन की मिट्टी में लगा सकते हैं। 02 हो सकता है कुछ कटिंग्स 20 दिन बाद ग्रो हो। और जब आपकी कटिंग्स में 6 से 8 पत्ते आ जाए, तब आप उसे कम से कम 5 से 6 घंटे तक धूप में रखें। ध्यान रखें, जब भी ऊपर की मिट्टी सुख जाये तब आप थोड़ा पानी डाल दें। इस प्रकार जब कनेर का पौधा थोड़ा बड़ा हो जाएगा तब उसमें फूल भी आने लगेगा। 03 ध्यान रखें यूं तो कनेर का पौधा कई बीमारियों औषधि के रूप में काम आता है लेकिन इसके फूल औऱ बीज जहरीले होते हैं। इसलिए इसे घर के अंदर लगाने की बजाय घर की सीमा से बाहर या आंगन में ऐसी जगह लगाना चाहिए ताकि बच्चों की पहुंच से यह दूर रहे। 04इसके बीजों का उपयोग अनेक रोगों bजैसे हृदय, अस्थमा, गंजापन, कैंसर महावारी के दर्द, सफेद दाग, मलेरिया, दादखाज, खुजली, आदि हेतु दवाएँ बनाने में किया जाता है। कनेर के पौधों को पूर्ण सूर्य के प्रकाश, छायादार तथा अच्छे जल निकासवाली भूमि पर लगाए जाने पर यह बहुत आकर्षक झाड़ के रूप में विकसित होता है। 05 सफेद कनेर की जड़ की छाल को तेल में पकाकर, छान लें। इसे लगाने से दाद और अन्य त्वचा विकारों में लाभ होता है। कनेर के पत्तों से पकाए हुए तेल को लगाने से खुजली मिटती है। पीले कनेर के पत्ते या फूलों को जैतून के तेल में मिलाकर मलहम बना लें। 06 इसका बीज इतना जहरीला है कि एक या दो बीज खाने से बच्चे की मौत हो जाती है और आठ बीज तक खाने पर बड़े इंसान की भी मौत हो जाती है. इसमें राइसिन नाम का जहर पाया जाता है जो कोशिकाओं के अंदर प्रोटीन बनने की प्रक्रिया को रोक देती है 07इससे मृत्यु भी हो सकती है। पीला कनेर अपनी विषाक्तता के बावजूद पूरे उष्ण कटिबंध में औषधीय रूप से उपयोग किया जाता है। चीन और रूस में दशकों से दिल के दौरे के इलाज के लिए पौधों का उपयोग किया जाता रहा है, लेकिन उपयोग का समर्थन करने वाले वैज्ञानिक प्रमाण सीमित हैं।

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