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राजस्थान के मठ, मंदिर और तीर्थ स्थल। बाड़मेर का चंचल प्राग मठ। desert times tv। महाराज शंभुनाथ। 3 года назад


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राजस्थान के मठ, मंदिर और तीर्थ स्थल। बाड़मेर का चंचल प्राग मठ। desert times tv। महाराज शंभुनाथ।

#राजस्थानकेमठमंदिरऔरतीर्थस्थल #चंचलप्रागमठ #महाराजशंभुनाथ राजस्थान के मठ मंदिर और तीर्थ स्थलों की यात्रा में आज हम आपको बाड़मेर के चंचल प्रयाग मठ के बारे में बताने जा रहे है। चंचल प्रयाग मठ के सभी महंत और मठाधीश मेघवंशी रहे है। लेकिन इस मठ के भक्त हर जाति से है। इस मठ के पहले महंत पूज्य योगी श्री प्रागनाथ जी हुए। जिनका जन्म बाड़मेर के आटी गांव में हुआ। बचपन मं माता-पिता की मौत के बाद वैराग्य उत्पन्न हुआ। आबू पर्वत में गौमुख के नीचे एक गुफा में 14 बरसों तक कठोर तप किया। बाद में बाड़मेर के सिणधरी में स्थित शिव मठ में आकर रहे। वहीं महंत श्री दयानाथ के शिष्य बने। एक दिन शिष्य योगी प्रागनाथ ने अपने गुरू को अपने पूर्व जन्म के बारे में बताया। बाद में पास ही के गांव नोसर चलने को कहा। गुरू को लेकर नोसर पहुंचे और जहां पूर्व जन्म में रहते थे, उस स्थान की खुदाई करने को कहा। खुदाई में शिव उपासना के त्रिशुल, चिमटा और शंख मिले। बाद में वहां मठ का निर्माण करवाया गया। बाद में आपने वैशाख सुदी पुर्णिमा विक्रम सवंत 1962 में समाधि ग्रहण की। अब आपको बताते है कि श्री चंचल प्राग मठ की प्रतिष्ठा कैसे हुई। नौसर मठ की कीर्ति चारों आरेर फैलने लगी। बाड़मेर के लोगों ने भी सोचा कि क्यों न हमारे शहर में भी मठ की स्थापना हो। तत्कालीन बाड़मेर जागीरदार हीरासिंह जी, जो धार्मिक प्रवृति के इंशान थे। उन्होंने नौसर मठ के महंत श्री प्रागनाथ जी से इस बारे में निवेदन किया। महंत जी ने इस काम के लिए अपने शिष्य प्रेमनाथ जी को इसके लिए चुना। पहाड़ी की तलहटी में मठ के स्थान का चयन किया, जहां आज ये मठ बना हुआ है। स्थानीय भाषा में इसे मड़ी भी कहते है। प्रेमनाथ जी ने विक्रम संवत 1960 के करीब मठ की प्रतिष्ठा की। चंचल प्राग मठ के वर्तमान मठाधीश श्री शम्भुनाथ जी महाराज है। आपका जन्म विक्रम संवत 2018 आषाड शुदी 12, वा मंगलवार को गांव महाबार, पीथल में मेघवाल परिवार में हुआ। महाराज चंचलनाथ जी ने ही आपका नाम शम्भु रखा। संवत 2040 में पूज्य महंत श्री चंचलनाथ जी के समाधिलीन होने पर श्री शम्भुनाथ जी महाराज मठ के मठाधीश बने। दलित और दरिद्र के प्रति आपका प्रेम, सौम्य व्यवहार लोगों पर काफी प्रभव छोड़ता है। आध्यात्म के क्षेत्र में आपने अपने तप से जन कल्याण के कई काम किए और करते जा रहे है। समाज में समरसता बनी रही, लोगों में मदद का भाव रहे और सबके विकास के लिए आप सदैव तत्पर रहते है। इस मठ के प्रति लोगों की गहरी आस्था है। मठ के प्रागण में एक आध्यामितक शांति का आप अनुभव करेंगे। यदि आप बाड़मेर जाए तो वहां के दर्शनीय स्थलों में से एक नाम श्री चंचल प्राग मठ का भी आता है। जिसके दर्शन करने से आपको शांति का अनुभव होगा। हम राजस्थान के मठ/मंदिर औश्र तीर्थ स्थलों के बारे में आपको बताते रहेंगे। हमारा ये कटेंट आपको कैसा लगा। कामेंट बॉक्स में जरूर लिखे। विश्व कल्याण की प्रार्थना के साथ। जय श्री राम। यू-ट़यूब पर हमें सबस्क्राइब करें और घंटी के निशान को जरूर दबावें :-    / deserttimestv   आप हमें फेसबुक पर भी लाइक करे :-   / deserttimesnews   यदि कोई सुझाव हो तो, हमें मेल करे :- [email protected] यदि आप अपना विज्ञापन हमारे चैनल या पेज पर देना चाहे तो हमें वाट़सएप मैसेज करें :- +91 8107585991 सहयोग करे, उस पत्रकारिता को जो मायने रखती है। स्वतंत्र पत्रकारिता का समर्थन करें, हमें योगदान करें:- Support Journalism that matters, support Independent Journalism contribute to us :- Phonepe https://phon.pe/-506304311 Contact Us: [email protected] whats app: 8107585991

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