У нас вы можете посмотреть бесплатно श्री हनुमान चालीसा - शनिवार को हनुमान चालीसा को सुनने से सारे बिगड़े काम बन जाते हैं || VARDAN || или скачать в максимальном доступном качестве, которое было загружено на ютуб. Для скачивания выберите вариант из формы ниже:
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आज के दिन हनुमान जी की इस वंदना को सुनने से सारे बिगड़े काम बन जाते हैं आज शनिवार है महावीर का वार है 10 मिनट ध्यान से सुने उसका प्रभाव स्वयं अनुभव करेंगे श्री हनुमान चालीसा - इस वंदना को सुनने के साथ-साथ पढ़े भी | Hanuman Chalisa with Lyrics #Vardan #HanumanChalisa Hanuman Chalisa Jai Hanuman Gyan Gun Sagar GyanMoti #Meditation #HareRama #HareKrishna #Powerfull_Mantra Must try only for 10 minutes. #HanumanChalisa #Meditation #OmMantra #Powerfull_Mantra Must try only for 10 minutes. Singer: Manojj Negi Music : Laxmi Narayan Lyrics: Traditional DOP: Jitender Kadyan Music Label: VARDAN Digital Partner: TuneCore Studio: JSN Music Studio Copy of any part of this Video, Music, Thumbnail etc are strictly prohibited. Hanuman Chalisa - The virtues of Shri Hanuman Hanuman Bhajan: Hanuman Chalisa (Jai Hanuman Gyan Gun Sagar, Jai Kapisa Tihun Lok Ujagar) Those who Chant Hanuman Chalisa Regularly with full devotion will definitely have very good Health & Wealth. Chanting the Hanuman Chalisa will relieve any kind of illness or adversity and bring Prosperity in one's life. दोहा श्रीगुरु चरन सरोज रज, निज मनु मुकुरु सुधारि । बरनउँ रघुबर बिमल जसु, जो दायकु फल चारि ।। बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन-कुमार । बल बुधि बिद्या देहु मोहिं, हरहु कलेस बिकार ।। चौपाई जय हनुमान ज्ञान गुन सागर । जय कपीस तिहुँ लोक उजागर ।। १ ।। राम दूत अतुलित बल धामा । अंजनि-पुत्र पवनसुत नामा ।। २ ।। महाबीर बिक्रम बजरंगी । कुमति निवार सुमति के संगी ।। ३ ।। कंचन बरन बिराज सुबेसा । कानन कुंडल कुंचति केसा ।। ४ ।। हाथ बज्र औ ध्वजा बिराजै । काँधे मूँज जनेऊ साजै ।। ५ ।। संकर सुवन केसरीनंदन । तेज प्रताप महा जग बंदन ।। ६ ।। बिद्यावान गुनी अति चातुर । राम काज करिबे को आतुर ।। ७ ।। प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया । राम लखन सीता मन बसिया ।। ८ ।। सूक्ष्म रूप धरि सियहिं दिखावा । बिकट रूप धरि लंक जरावा ।। ९ ।। भीम रूप धरि असुर सँहारे । रामचंद्र के काज सँवारे ।। १० ।। लाय सजीवन लखन जियाये । श्रीरघुबीर हरषि उर लाये ।। ११ ।। रघुपति कीन्ही बहुत बडाई । तुम मम प्रिय भरतहि सम भाई ।। १२ ।। सहस बदन तुम्हरो जस गावैं । अस कहि श्रीपति कंठ लगावैं ।। १३ ।। सनकादिक ब्रह्मादि मुनीसा । नारद सारद सहित अहीसा ।। १४ ।। जम कुबेर दिगपाल जहाँ ते । कबि कोबिद कहि सके कहाँ ते ।। १५ ।। तुम उपकार सुग्रीवहिं कीन्हा । राम मिलाय राज पद दीन्हा ।। १६ ।। तुम्हरो मन्त्र बिभीषन माना । लंकेस्वर भए सब जग जाना ।। १७ ।। जुग सहस्र जोजन पर भानू । लील्यो ताहि मधुर फल जानू ।। १८ ।। प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहीं । जलधि लांघि गये अचरज नाहीं ।। १९ ।। दुर्गम काज जगत के जेते । सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते ।। २० ।। राम दुआरे तुम रखवारे । होत न आज्ञा बिनु पैसारे ।। २१ ।। सब सुख लहै तुम्हारी सरना । तुम रच्छक काहू को डर ना ।। २२ ।। आपन तेज सम्हारो आपै । तीनों लोक हाँक ते काँपै ।। २३ ।। भूत पिसाच निकट नहिं आवै । महाबीर जब नाम सुनावै ।। २४ ।। नासै रोग हरै सब पीरा । जपत निरंतर हनुमत बीरा ।। २५ ।। संकट तें हनुमान छुडावै । मन क्रम बचन ध्यान जो लावै ।। २६ ।। सब पर राम तपस्वी राजा । तिन के काज सकल तुम साजा ।। २७ ।। और मनोरथ जो कोइ लावै । सोइ अमित जीवन फल पावै ।। २८ ।। चारों जुग परताप तुम्हारा । है परसिद्ध जगत उजियारा ।। २९ ।। साधु संत के तुम रखवारे । असुर निकंदन राम दुलारे ।। ३० ।। अष्ट सिद्धि नौ निधि के दाता । अस बर दीन जानकी माता ।। ३१ ।। राम रसायन तुम्हरे पासा । सदा रहो रघुपति के दासा ।। ३२ ।। तुम्हरे भजन राम को पावै । जनम जनम के दुख बिसरावै ।। ३३ ।। अंत काल रघुबर पुर जाई । जहाँ जन्म हरि-भक्त कहाई ।। ३४ ।। और देवता चित्त न धरई । हनुमत सेइ सर्ब सुख करई ।। ३५ ।। संकट कटै मिटै सब पीरा । जो सुमिरै हनुमत बलबीरा ।। ३६ ।। जै जै जै हनुमान गोसाई । कृपा करहु गुरु देव की नाई ।। ३७ ।। जो सत बार पाठ कर कोई । छूटहि बंदि महा सुख होई ।। ३८ ।। जो यह पढै हनुमानचालीसा । होय सिद्धि साखी गौरीसा ।। ३९ ।। तुलसीदास सदा हरि चेरा । कीजै नाथ हृदय महँ डेरा ।। ४० ।। दोहा पवनतनय संकट हरन, मंगल मूरति रूप । राम लखन सीता सहित, हृदय बसहु सुर भूप ।।