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Aadim jumid आदिम जुमिद को सहयोग करने का details निचे इस प्रकार है। AADIM JUMID TEAM On : BUDHESHWAR KISKU Account number : 55500100007613 Ifsc code : BARB0CHAJHA चांडिल, आज दिनांक 07/10/2019 को देशज संस्कृति मंच की ओर से चिलगु-चाकुलिया, चांडिल में आदिम होड़ महिषासुर का शहादत दिवस मनाया गया. सबसे पहले आदिम होड़ महिषासुर के फोटो पर माल्या्पण किया गया. इसके बाद एक छोटी सी सभा का भी आयोजन किया गया. शहादत दिवस पर सभा को संबोधित करते हुए साथियों ने कहां कि असुर एक आदिवासी समुदाय से है. जो आज भी झारखण्ड के पलामू, नेतरहाट में क्षेत्र निवास करते है. असुर समुदाय ने ही दुनिया में पहली बार लोहा बनाने का महारत हासिल किया था. लेकिन आज समाज में असुरों का चित्रण गलत तरीके से चित्रण किया जा रहा है. देशज संस्कृति मंच ने दुर्गोमहोत्सव मनाने वाले सभी से निवेदन किया कि जिसको दुर्गा महोत्सव मनाने है मनाए लेकिन हमारे आदिम होड़ महिषासुर को मारते हुए न दिखाए. हत्या का जश्न बंद किया जाय. देशज संस्कृति मंच के संरक्षक कपूर बागी ने कहां कि हमारा इतिहास लिखा हुआ नहीं है. हमारे आदिवासी पूर्वज आदि काल से हमारे वीर लड़ाके को अपने अपने गीत - भाषा - संस्कृति - सभ्यता के माध्यम से हमारे इतिहास को जिंदा रखा है. आदिवासी समुदाय दश दिनों तक शोक मनाते है. दशाई नृत्य का आयोजन भी आदिवासी समुदाय अपने राजा के याद में करते है. इस नृत्य का को गीत है इसी में हमलोग के इतिहास का कहानी छुपा हुआ है. इस नृत्य का दुर्गोमहोत्सव से कोई लेना देना नहीं था. उन्होंने आगे कहा कि राक्षक का मतलब होता है रक्षा करने वाला. यानी हमारे पूर्वजों ने हमारे जल - जंगल - जमीन रक्षा के लिए उठ खड़ा हुआ तो उन्हें रक्षक कहां गया. और आज भी हमारे पूर्वज हमारे जल जंगल जमीन के रक्षा के लिए संघर्ष जारी है. आज के कार्यक्रम में मुख्य रूप दिनकर कच्छप,सुमन मुखी, चंदन सिंह, बिरश्पती सिंह सरदार, सुदाम हेंब्रम, प्रकाश महतो, दीपक रंजीत, सुनील हेंब्रम, घनश्याम महतो, देवनाथ शर्मा, ओम प्रकाश, चंदन महतो आदि लोग मुख्य रूप से उपस्थित थे. #AADIMJUMID #MAYSASUR #JHARKHANDIADIVASI