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हैलोएल्केन में समावयवता और IUPAC नामकरण -Isomerism in haloalkanes and IUPAC nomenclature L-3 2024 4 дня назад


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हैलोएल्केन में समावयवता और IUPAC नामकरण -Isomerism in haloalkanes and IUPAC nomenclature L-3 2024

Hi Everyone. . . Welcome to Saral Academy .. This our 22th Video .. And This Video We Are Cover .. Chemistry . Chapter- 6 हैलोएल्केन व हैलोएरीन - Haloalkanes and Haloarenes About The Topic ---- हैलोएल्केन में समावयवता हैलोएल्केन, यानी हाइड्रोकार्बन जिनमें एक या एक से अधिक हाइड्रोजन परमाणुओं को हैलोजन परमाणुओं से प्रतिस्थापित कर दिया गया हो, समावयवता प्रदर्शित करते हैं। समावयवता का अर्थ है कि दो या दो से अधिक यौगिकों का आणविक सूत्र समान होता है, लेकिन उनकी संरचना भिन्न होती है। हैलोएल्केन में मुख्यतः दो प्रकार की समावयवता देखी जाती है: 1. संरचनात्मक समावयवता (Structural Isomerism) इस प्रकार की समावयवता में, परमाणुओं का संयोजन भिन्न होता है। हैलोएल्केन में संरचनात्मक समावयवता के दो मुख्य प्रकार होते हैं: श्रृंखला समावयवता (Chain Isomerism): कार्बन परमाणुओं की मुख्य श्रृंखला की व्यवस्था भिन्न होती है। उदाहरण के लिए, C₄H₉Cl सूत्र वाले दो समावयवी हैं: n-ब्यूटिल क्लोराइड (सीधी श्रृंखला) और आइसोब्यूटिल क्लोराइड (शाखित श्रृंखला)। स्थिति समावयवता (Positional Isomerism): हैलोजन परमाणु कार्बन श्रृंखला में विभिन्न स्थितियों पर स्थित होते हैं। उदाहरण के लिए, C₃H₇Cl सूत्र वाले दो समावयवी हैं: 1-क्लोरोप्रोपेन और 2-क्लोरोप्रोपेन। 2. त्रिविम समावयवता (Stereoisomerism) इस प्रकार की समावयवता में, परमाणुओं का संयोजन समान होता है, लेकिन अंतरिक्ष में उनकी व्यवस्था भिन्न होती है। हैलोएल्केन में त्रिविम समावयवता का सबसे महत्वपूर्ण प्रकार प्रकाशिक समावयवता है। प्रकाशिक समावयवता (Optical Isomerism): जब एक अणु और उसका दर्पण प्रतिबिंब एक दूसरे पर आरोपित नहीं हो पाते, तो उन्हें प्रकाशिक समावयवी कहा जाता है। इस प्रकार के समावयवी ध्रुवित प्रकाश के तल को घुमाते हैं। एक कार्बन परमाणु पर चार भिन्न समूह जुड़े होने पर ही प्रकाशिक समावयवता संभव होती है। ऐसे कार्बन परमाणु को किरल कार्बन परमाणु कहा जाता है। हैलोएल्केन में समावयवता के कारण: कार्बन परमाणुओं की चतुष्संयोजकता: कार्बन चार सहसंयोजी बंध बनाता है। कार्बन परमाणुओं का संकरण: sp³, sp² और sp संकरण के कारण विभिन्न प्रकार के संरचनाएं बनती हैं। हैलोजन परमाणुओं की स्थिति: हैलोजन परमाणु कार्बन श्रृंखला में विभिन्न स्थितियों पर स्थित हो सकते हैं। समावयवता का महत्व: समावयवों के भौतिक और रासायनिक गुण भिन्न होते हैं। दवाओं में समावयवता का बहुत महत्व है, क्योंकि एक समावयवी दवा हो सकता है जबकि दूसरा हानिकारक हो सकता है। समावयवता का अध्ययन कार्बनिक रसायन में बहुत महत्वपूर्ण है। उदाहरण: C₄H₉Cl सूत्र वाले हैलोएल्केन के कुछ समावयवी: n-ब्यूटिल क्लोराइड आइसोब्यूटिल क्लोराइड sec-ब्यूटिल क्लोराइड tert-ब्यूटिल क्लोराइड निष्कर्ष: हैलोएल्केन में समावयवता एक महत्वपूर्ण विषय है। यह कार्बनिक रसायन की मूलभूत अवधारणाओं में से एक है। समावयवता के बारे में जानना हमें कार्बनिक यौगिकों की संरचना और गुणों को समझने में मदद करता है। Asked Questions---- प्रकाशिक समावयवता क्या होती है? किरल कार्बन परमाणु क्या होता है? समावयवता के क्या उपयोग हैं? हैलोएल्केन की समावयवता का वर्गीकरण कैसे किया जाता है? What are haloalkanes and haloarenes? How are haloalkanes and haloarenes classified based on the number of halogen atoms? What are the different types of isomerism exhibited by haloalkanes? What are the factors affecting the reactivity of haloalkanes and haloarenes? What are the main reactions undergone by haloalkanes and haloarenes? Some other Playlist-    • L'Oréal Paris Casting Crème Gloss - M...   Follow Us On Instagram - For Quiz and More   / reels   #haloalkanes #haloarenes #organicchemistry See You Soon....

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