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महाकाल की नगरी के मंदिरों में छिपे रहस्यमय चमत्कार यहाँ के मंदिर में हुई घटना 😲 10 дней назад


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महाकाल की नगरी के मंदिरों में छिपे रहस्यमय चमत्कार यहाँ के मंदिर में हुई घटना 😲

उज्जैन, मध्य प्रदेश में स्थित एक प्राचीन और पवित्र नगरी है, जिसे हिन्दू धर्म में विशेष महत्व प्राप्त है। उज्जैन को "महाकाल की नगरी" कहा जाता है क्योंकि यहाँ भगवान शिव का महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग स्थित है, जो 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। प्रमुख मंदिर और उनकी विशेषताएँ: 1. महाकालेश्वर मंदिर: भगवान शिव के रूप में महाकाल की पूजा की जाती है। यहाँ शिवलिंग स्वयंभू (स्वतः प्रकट) है और यह दक्षिणमुखी है, जो इसे और भी विशेष बनाता है। यह मंदिर काल (समय) और मृत्यु के देवता के रूप में शिव की आराधना के लिए प्रसिद्ध है। 2. काल भैरव मंदिर: भगवान शिव के रौद्र रूप, काल भैरव की पूजा की जाती है। इस मंदिर की खासियत यह है कि यहाँ भैरव को शराब चढ़ाई जाती है, जो अद्वितीय परंपरा है। 3. हरसिद्धि माता मंदिर: यह शक्तिपीठों में से एक है और यहाँ माता हरसिद्धि की पूजा होती है। यह स्थान देवी के सती होने की कथा से जुड़ा है। 4. चिंतामन गणेश मंदिर: यहाँ भगवान गणेश को चिंता निवारक के रूप में पूजा जाता है। मान्यता है कि यहाँ पूजा करने से भक्तों की सारी चिंताएँ समाप्त हो जाती हैं। उज्जैन की पौराणिक महिमा: उज्जैन का प्राचीन नाम अवंतिका था और इसे भगवान शिव ने त्रिपुरा राक्षसों से मुक्त कराकर स्वर्ग तुल्य नगरी बनाया। यह शहर समय और मृत्यु के देवता महाकाल के कारण भी प्रसिद्ध है। उज्जैन की पहचान "काल गणना" के लिए भी होती है, क्योंकि यहीं से कालचक्र का प्रारंभ माना जाता है। इसे चार धाम यात्राओं और कुंभ मेले का भी केंद्र माना जाता है। 1. ज्योतिर्लिंग: महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग इस नगर की सबसे बड़ी विशेषता है। 2. अध्यात्मिक केंद्र: यह नगरी ध्यान, साधना और आध्यात्मिकता का महत्वपूर्ण केंद्र है। 3. कुंभ मेला: हर 12 साल में यहाँ कुंभ मेला लगता है, जो लाखों श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है। उज्जैन में देखने योग्य जगहें: 1. महाकालेश्वर मंदिर: यह प्रमुख आकर्षण है, जिसे देखे बिना उज्जैन यात्रा अधूरी मानी जाती है। 2. काल भैरव मंदिर: जहाँ भक्तों द्वारा भैरव को मदिरा चढ़ाई जाती है। 3. संदीपनी आश्रम: यहाँ भगवान कृष्ण ने अपने भाई बलराम और सखा सुदामा के साथ शिक्षा ग्रहण की थी। यह एक ऐतिहासिक और पवित्र स्थान है। 4. भर्तृहरि गुफा: यह गुफा राजा भर्तृहरि से जुड़ी है, जो अपना राज-पाट छोड़कर योगी बने थे। यह गुफा साधना और ध्यान के लिए प्रसिद्ध है। 5. राम घाट: शिप्रा नदी का यह घाट कुंभ मेले के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ शाम की आरती देखने लायक होती है, जिसे हजारों लोग देखने आते हैं। 6. श्री चिंतामन गणेश मंदिर: भगवान गणेश के इस मंदिर को विशेष रूप से देखा जाता है, क्योंकि यहाँ भगवान को "चिंता निवारक" के रूप में पूजा जाता है। 7. कालियादेह महल: यह एक खूबसूरत महल है जो प्राचीन समय में होल्कर वंश के राजाओं का ग्रीष्मकालीन निवास था। यहाँ का आर्किटेक्चर बेहद खूबसूरत है। 8. गोपाचल पर्वत: यह स्थान जैन धर्म के तीर्थंकरों की मूर्तियों के लिए प्रसिद्ध है, जो पत्थरों को काटकर बनाई गई हैं। 9. इस्कॉन मंदिर: भगवान कृष्ण को समर्पित यह आधुनिक मंदिर भी श्रद्धालुओं के बीच लोकप्रिय है। खाने की खासियतें: उज्जैन में खाने-पीने के कई लाजवाब विकल्प मिलते हैं, जो इस क्षेत्र की खासियत हैं। यहाँ के प्रमुख व्यंजन निम्नलिखित हैं: 1. पोहा और जलेबी: मध्य प्रदेश का यह प्रसिद्ध नाश्ता उज्जैन में भी खूब मिलता है। यहाँ का पोहा हल्का और जलेबी मीठी और कुरकुरी होती है। 2. दाल बाटी: राजस्थान और मध्य प्रदेश का यह पारंपरिक व्यंजन उज्जैन में भी खूब पसंद किया जाता है। 3. भुट्टे का कीस: यह एक खास व्यंजन है जो मकई से बनाया जाता है और इसमें मसालों और नारियल का मिश्रण होता है। 4. साबूदाने की खिचड़ी: यह विशेषकर व्रत या उपवास के दौरान खाया जाता है, लेकिन सामान्य दिनों में भी यह लोकप्रिय है। 5. नमकीन: उज्जैन और इंदौर की नमकीन काफी प्रसिद्ध है। यहाँ की अलग-अलग तरह की नमकीन जैसे सेव, मिक्चर, आलू भुजिया आदि खाने में लाजवाब होती हैं। 6. मालपुआ: एक खास मीठा पकवान है, जो त्योहारों और खास मौकों पर बनाया जाता है। 7. श्रीखंड: यह एक मीठा दही से बना व्यंजन है, जो यहाँ के स्वाद का एक अहम हिस्सा है। सप्तर्षि: सात ऋषियों की कहानी सप्तर्षि वे सात महान ऋषि हैं जिनका उल्लेख हिंदू पौराणिक कथाओं में मिलता है। ये ऋषि ब्रह्मा जी के मानस पुत्र माने जाते हैं और इन्हें भारतीय संस्कृति और वेदों के संरक्षक माना जाता है। ये हैं: 1. ऋषि वशिष्ठ: वशिष्ठ ज्ञान और समर्पण के लिए प्रसिद्ध हैं। उन्होंने रामायण में भगवान राम को शिक्षा दी थी और उनके लिए एक महत्वपूर्ण गुरु रहे। 2. ऋषि विश्वामित्र: विश्वामित्र एक राजा थे जिन्होंने तपस्या करके ऋषि की उपाधि प्राप्त की। उन्होंने राम को राक्षसों से लड़ने के लिए प्रशिक्षित किया और उनका समर्पण अद्भुत था। 3. ऋषि अत्रि: अत्रि ज्ञान और वैराग्य के लिए जाने जाते हैं। वे गृहीत मुनियों में से एक थे और उनकी पत्नी अनसूया ने भी अनेक पौराणिक कथाएँ रची हैं। 4. ऋषि कश्यप: कश्यप प्राचीन समय के एक महान ऋषि थे। उनका योगदान विभिन्न प्रजातियों की उत्पत्ति में महत्वपूर्ण था, और उन्होंने अनेक देवताओं और असुरों की पीढ़ी को जन्म दिया। 5. ऋषि भारद्वाज: भारद्वाज चिकित्सा और आयुर्वेद के क्षेत्र में जाने जाते हैं। उनका ज्ञान और विद्या आज भी बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है। 6. ऋषि गौतम: गौतम को उनके ज्ञान और तप के लिए जाना जाता है। उनकी पत्नी अंजना और उनका संबंध भी कई पौराणिक कथाओं का हिस्सा है। 7. ऋषि वाल्मीकि: वाल्मीकि ने रामायण की रचना की और उन्हें आदिकवि माना जाता है। उनकी कहानी से हमें प्रेरणा मिलती है कि किस प्रकार एक व्यक्ति अपने जीवन को बदल सकता है #hindugoddess #mataranihometemple #hindutemple #makaleshwar #harharmahadev #ytshorts #youtuber #ujjain #youtube #youtubechannel #youtubevideo

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