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संभल कर रहें, जो चावल आप खा रहे हैं वह प्लास्टिक का हो सकता है। अब असली और नकली की पहचान कैसे हो, ये हम आपको बात रहे हैं जानिए। चंडीगढ़ स्थित जीएमएसएच-16 में स्थित रेडक्रॉस कैंटीन में प्लास्टिक के चावल बिकने का एक वीडियो शुक्रवार को वायरल हो गया। जब इस बात की खबर अस्पताल के अधिकारियों के पास पहुंची तो वे तुरंत कैंटीन पहुंचे और चावलों की जांच की। प्रारंभिक जांच में तो कुछ भी नहीं मिल पाया। नेचुरल चावल ही लगे। इसके बावजूद अधिकारियों ने चावल के दो सैंपल भरे। अधिकारियों ने एक सैंपल कच्चे चावल का और दूसरा पके चावल का लिया। दोनों को जांच के लिए फूड लैब में भेज दिया गया है। फूड सेफ्टी विंग से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि प्लास्टिक के चावल बिकने के दावे पिछले कई दिनों से देश भर में किए जा रहे हैं, लेकिन अब तक किसी भी जांच में ये पता नहीं चल पाया है कि वे चावल प्लास्टिक के हैं। फिर भी जान लीजिए... नकली चावल, असली की तुलना में ज्यादा चमकीला है और यह पानी में भी नहीं तैरता है। नकली चावल का वजन असली की तुलना में हल्का होता है, इसीलिए इसे तोलने पर नकली चावल की मात्रा अधिक होगी। अगर दो तरह के नकली चावलों को एक साथ मिलकर देखेंगें, तो सारे चावलों की मोटाई और आकार, एक जैसा ही दिखाई देगा। नकली चावल बिल्कुल साफ सुथरा होगा, जबकि असली चावल में कहीं न कहीं धान की भूसी मिली होती है। चावल को पकाते वक्त प्लास्टिक चावल में बिल्कुल प्लास्टिक की तरह ही महक आती है। साथ ही यह देर में भी पकता है। जब चावल के पकाया जाता है तो प्लास्टिक चावल के मांड पर सफेद रंग की परत जम जाती है, जबकि असली चावल में ऐसा नहीं होता। वहीं इसके मांड को कुछ देर तक धूप में रखकर देखिए, यह पूरी तरह से प्लास्टिक बन जाता है। जिसे जलाकर इसे पता किया जा सकता है। इसलिए उछलता है चावल का गोला फूड सेफ्टी विंग के डेजिग्नेटेड आफिसर सुखविंदर सिंह ने बताया कि आजकल चावल कुकर में बनाए जाते हैं। इससे चावलों में थोड़ा बहुत पानी रहता है। चावलों में स्टार्च भी होता है। पानी और स्टार्च की मदद से चावल के रोल बनाए जा सकते हैं, क्योंकि स्टार्च चावल को बांध देता है। उसे आसानी से जमीन पर पटका जा सकता और वह उछलेगा भी। क्या था वीडियो में वायरल वीडियो के मुताबिक एक शख्स सेक्टर 16 हास्पिटल की कैंटीन में जाता है और वहां से खाने की एक प्लेट लेता है। प्लेट में दाल, चावल और रोटी है। चावल को उठाकर मुट्टी में भरता है और उसे रोलकर गेंदनुमा गोला बनाता है। युवक उस गोले को मेज पर पटकता है तो वह उछलता है। युवक का दावा है कि चावल में प्लास्टिक है, इसलिए वह उछलता है।