У нас вы можете посмотреть бесплатно काच्चे कान लहू टपक री मा मेरे कान पड़ाये मत ना।। गोपीचंद का भजन।। पूनम रोज़ निर्मला डांगी или скачать в максимальном доступном качестве, которое было загружено на ютуб. Для скачивания выберите вариант из формы ниже:
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गोपीचंद और भरथरी दोनों मामा भांजा थे। दोनों भक्ति के कारण अमर हो गए। उसी भक्ति के कारण दुनिया उन्हें याद करती है। वह दोनों भेस बदलकर 1 साल में दो बार भिक्षा लेने के लिए आते न जाने किसी भी रूप में आ सकते हैं दोनों इकट्ठे आते हैं। कोई भिक्षा लेने आए उसे कभी भी मना नहीं करना चाहिए। जिसके कारण गोपीचंद और भरतरी के भी दर्शन हो सकते है।।