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Go sewa in Vrindavan dham | ISKCON Vrindavan | Goshaala | 2 недели назад


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Go sewa in Vrindavan dham | ISKCON Vrindavan | Goshaala |

नमो ब्रह्मण्य देवाय गोब्राह्मण हिताय च । जगत् हिताय कृष्णाय गोविंदाय नमो नमः ॥ उन भगवान को नमस्कार है जो परम चेतना के स्वरूप हैं, और गायों और ब्राह्मणों के मित्र और उपकारक हैं , २: उन भगवान को नमस्कार है जो पूरे विश्व के मित्र और उपकारक हैं; श्री कृष्ण को नमस्कार है ; श्री गोविंदा को नमस्कार है ; नमस्कार ,उन्हें बार-बार नमस्कार है ।🙇🏼‍♂️ 1. *गो माता की महिमा अपरंपार,* *सभी दु:ख हरती वो, देती है प्यार।* 2. *धरती पर धरा स्वर्ग से आई,* *मां की ममता, गाय ने बताई।* 3. *गौ माता के चरणों में स्वर्ग की अनुभूति,* *उसकी सेवा से मिलती है आत्मा की शांति।* 4. *गाय का दूध है अमृत समान,* *हर कष्ट को करती है वो दूर, महान।* 5. *गाय की सेवा, सच्ची पूजा है,* *उसकी ममता, हर दिल में बसी हुई है।* 6. *गाय का घर में वास, शुभ होता है,* *उसकी ममता से जीवन खुशहाल होता है।* 7. *गाय की ममता का नहीं कोई सानी,* *उसकी सेवा में मिलती है सच्ची कहानी।* 8. *गौ माता की वाणी में मधुरता,* *उसकी सेवा से मिलता है सच्चा पुण्य।* 9. *गाय की आंखों में करुणा का सागर,* *उसकी सेवा से मिलती है आत्मा की डगर।* 10. *गाय की रक्षा, धर्म हमारा,* *उसकी सेवा में है जीवन का सहारा।* 11. *गाय की सेवा से मिलता है आशीर्वाद,* *उसकी कृपा से मिटते हैं सब विवाद।* 12. *गाय का स्पर्श है शीतल, शीतल,* *उसकी ममता से हृदय हो जाता निर्मल।* 13. *गाय के बिना जीवन अधूरा,* *उसकी ममता से जीवन होता पूरा।* 14. *गाय की सेवा में बसी है सच्ची साधना,* *उसकी ममता में है आत्मा की आराधना।* 15. *गाय का प्रेम, अनमोल खजाना,* *उसकी सेवा से मिलता है सच्चा ठिकाना।* 16. *गाय की ममता है जैसे गंगा की धारा,* *उसकी सेवा से मिलता है सच्चा सहारा।* 17. *गाय की पूजा, धर्म की पहचान,* *उसकी सेवा से मिलता है सच्चा मान।* 18. *गाय का दूध, जीवन का अमृत,* *उसकी ममता से मिलता है सच्चा हित।* 19. *गाय की सेवा, सबसे बड़ा तप,* *उसकी ममता से मिलता है सच्चा धन।* 20. *गाय की ममता, सागर से भी गहरी,* *उसकी सेवा से मिलता है सच्चा मोती।* 21. *गाय की रक्षा, हमारा कर्तव्य,* *उसकी सेवा से मिलता है सच्चा सौभाग्य।* 22. *गाय की ममता, धरती की ममता,* *उसकी सेवा से मिलता है सच्चा रिश्ता।* 23. *गाय की आंखों में झलकती करुणा,* *उसकी सेवा से मिलता है सच्चा प्यार।* 24. *गाय का दूध, सब रोग हरता,* *उसकी ममता से मिलता है सच्चा अमृत।* 25. *गाय की सेवा, हर धर्म का कर्तव्य,* *उसकी ममता से मिलता है सच्चा सुख।* 26. *गाय का पालन, हमारा धर्म,* *उसकी ममता से मिलता है सच्चा स्नेह।* 27. *गाय की सेवा, सच्ची भक्ति है,* *उसकी ममता से मिलता है सच्चा रस्ता।* 28. *गाय की ममता, जीवन का प्रकाश,* *उसकी सेवा से मिलता है सच्चा विश्वास।* 29. *गाय का दूध, सबकी सेहत का राज,* *उसकी ममता से मिलता है सच्चा अंदाज।* 30. *गाय की सेवा, सबसे बड़ी पूजा,* *उसकी ममता से मिलता है सच्चा ताज।* 31. *गाय की ममता, असीमित करुणा,* *उसकी सेवा से मिलता है सच्चा फल।* 32. *गाय की रक्षा, जीवन का कर्तव्य,* *उसकी ममता से मिलता है सच्चा वरदान।* 33. *गाय की सेवा, धर्म का रास्ता,* *उसकी ममता से मिलता है सच्चा नाता।* 34. *गाय का दूध, सबकी सेहत का दान,* *उसकी ममता से मिलता है सच्चा मान।* 35. *गाय की सेवा, सबसे बड़ी नेमत,* *उसकी ममता से मिलता है सच्चा रमण।* 36. *गाय की ममता, अमृत की धारा,* *उसकी सेवा से मिलता है सच्चा सहारा।* 37. *गाय की सेवा, जीवन का फल,* *उसकी ममता से मिलता है सच्चा अमल।* 38. *गाय की रक्षा, हर धर्म का मर्म,* *उसकी ममता से मिलता है सच्चा धर्म।* 39. *गाय की सेवा, सबसे बड़ा पुण्य,* *उसकी ममता से मिलता है सच्चा गुण।* 40. *गाय का दूध, सेहत का खजाना,* *उसकी ममता से मिलता है सच्चा ठिकाना।* 41. *गाय की ममता, धरती का वरदान,* *उसकी सेवा से मिलता है सच्चा आनंद।* 42. *गाय की सेवा, सबसे बड़ा धर्म,* *उसकी ममता से मिलता है सच्चा कर्म।* 43. *गाय का दूध, सबसे बड़ा अमृत,* *उसकी ममता से मिलता है सच्चा हित।* 44. *गाय की सेवा, सबसे बड़ी साधना,* *उसकी ममता से मिलता है सच्चा साधन।* 45. *गाय की ममता, सबसे बड़ी दौलत,* *उसकी सेवा से मिलता है सच्चा संकेत।* 46. *गाय की रक्षा, जीवन का मर्म,* *उसकी ममता से मिलता है सच्चा धर्म।* 47. *गाय की सेवा, सबसे बड़ा तप,* *उसकी ममता से मिलता है सच्चा सप।* 48. *गाय की ममता, सबसे बड़ा अमृत,* *उसकी सेवा से मिलता है सच्चा पुरुषार्थ।* 49. *गाय की सेवा, सबसे बड़ा कर्तव्य,* *उसकी ममता से मिलता है सच्चा भव।* 50. *गाय की ममता, सबसे बड़ी ममता,* *उसकी सेवा से मिलता है सच्चा रस्ता।*

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