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बैजनाथ धाम झारखंड में स्थित एक ज्योतिर्लिंग हैं। हिन्दू धर्म में भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंग की पूजा होती हैं जो भारत के अलग-अलग राज्यों में स्थित हैं। इन 12 ज्योतिर्लिंग में से बैजनाथ धाम एक ऐसा ज्योतिर्लिंग हैं जिसके परिसर में ही एक शक्तिपीठ भी हैं। कुछ लोग महाराष्ट्र के पारली स्थित शिव मंदिर को बैजनाथ ज्योतिर्लिंग मानते हैं। ऐसा ही नागेश्वर ज्योतिर्लिंग के विषय में भी हैं। हमने अबतक द्वारिका के पास स्थित नागेश्वर मंदिर को ही ज्योतिर्लिंग माना हैं लेकिन कुछ मतों के अनुसार महाराष्ट्र का नागनाथ मंदिर ही नागेश्वर ज्योतिर्लिंग हैं। इन 2 के अलावा बचे हुए 10 ज्योतिर्लिंग जैसे केदारनाथ ,काशी विश्वनाथ ,ओम्कारेश्वर आदि के विषय में इस तरह के विभिन्न मत नहीं हैं। मैंने इसी जून में देवघर (झारखंड ) स्थित बैजनाथ ज्योतिर्लिंग के दर्शन किये थे। वहां के बारे में लिखा हुआ आर्टिकल भी काफी वायरल हुआ था। उसमें मैंने वैजनाथ ज्योतिर्लिंग और यही के शक्तिपीठ से जुडी मान्यताएं भी बताई थी।यह यात्रा मैंने कोलकाता से शुरू की थी ,इसका वीडियो rishabh bharawa vlogs पर आज रिलीज हुआ हैं। कोलकाता से बैजनाथ पहुंचने से मात्र 30 km ही पहले एक और शिव मंदिर आता हैं जिसके लिए यह मान्यता हैं कि बैजनाथ धाम के दर्शन इस मंदिर के दर्शन के बिना अधूरे हैं। यह मंदिर हैं झारखंड के दुमका जिले में स्थित -बासुकीनाथ मंदिर। यह 16वीं शताब्दी का मंदिर माना जाता हैं। कहते हैं वासुकि नाग ने यही भगवान शिव की आराधना की थी।इसलिए भगवान शिव यहाँ नागेश भगवान के रूप में भी पूजे जाते हैं। एक अन्य मत के अनुसार बासु नाम के एक व्यक्ति ने कंद मूल की तलाश में यहाँ शिवलिंग खोजा था इसलिए इन्हे बासुकीनाथ के नाम से जानते हैं। असल में ,कुछ मंदिरों का समूह हैं। मंदिर तक पहुंचने के लिए कुछ छोटी छोटी गलियों से आपको गुजरना होता हैं। इन गलियों में अचार की महक आती रहती हैं क्योंकि यहाँ अचार ज्यादा मिलता हैं।दर्शन करते समय ध्यान रखे कि यहाँ आपको गर्भगृह में बुलाया जाएगा और गर्भगृह का दरवाजा बंद कर दिया जाएगा ,फिर जल्दी जल्दी चढ़ावा भी माँगा जाएगा।इस बारे में तो बस इतना ही लिखूंगा। कहते हैं यहाँ एक ज़माने में दारुक वन हुआ करता था ,ऐसा मानने वाले इन्हे नागेश्वर ज्योतिर्लिंग के रूप में भी पूजते हैं। rishabh bharawa vlogs पर आज का वीडियो छोटा सा ही हैं ,क्योंकि मुख्य मंदिर में भीड़ की वजह से वीडियोग्राफी करना ज्यादा सम्भव नहीं हो पाया था। Baijnath Dham, located in Jharkhand, is one of the twelve Jyotirlingas worshipped in Hinduism, which are spread across various states in India. Among these twelve Jyotirlingas, Baijnath Dham is unique in that it also houses a Shakti Peeth within the same complex. Some people believe that the Baijnath Jyotirlinga is actually the Shiva temple located in Parli, Maharashtra. A similar debate surrounds the Nageshwar Jyotirlinga as well. While most of us recognize the Nageshwar temple near Dwarka as the Jyotirlinga, some traditions argue that the Nagnath temple in Maharashtra is the true Nageshwar Jyotirlinga. However, there is no such disagreement regarding the other ten Jyotirlingas like Kedarnath, Kashi Vishwanath, Omkareshwar, etc. I visited the Baijnath Jyotirlinga in Deoghar, Jharkhand, this June. An article I wrote about the visit went viral, where I also shared the beliefs associated with both the Baijnath Jyotirlinga and the Shakti Peeth located there. This journey began in Kolkata, and a video of it has been released today on Rishabh Bharawa Vlogs. Just 30 kilometers before reaching Baijnath from Kolkata, there is another Shiva temple, which holds the belief that the pilgrimage to Baijnath Dham is incomplete without visiting this temple. This is the Basukinath Temple, located in the Dumka district of Jharkhand. The temple is believed to be from the 16th century. It is said that Vasuki, the serpent king, worshipped Lord Shiva here, and thus Shiva is also revered here as Nageshwar. According to another belief, a person named Basu discovered the Shiva Lingam here while searching for roots and tubers, and so the temple is named Basukinath. In reality, this place is a complex of several temples. To reach the main temple, one has to walk through narrow lanes, which are filled with the fragrance of pickles, as pickles are sold in abundance here. While visiting the temple, one should keep in mind that you will be invited inside the sanctum, and once the door is closed, offerings will be demanded quickly. That’s all I’ll say about that. It is said that this area was once the Daruka forest, and those who believe this also worship Basukinath as the Nageshwar Jyotirlinga. Today’s video on Rishabh Bharawa Vlogs is a short one, as due to the large crowd, it wasn’t possible to do much videography inside the main temple. #baijnathtemple #baijnathdeoghar #basukinathmandir #basukinath #shiva #jharkhand #12jyotirling #templesofindia