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राजा दुष्यंत शकुंतला से गंधर्व विवाह करना क्यों चाहता था || Shakuntala Raja Dushyant ki kahani 3 года назад


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राजा दुष्यंत शकुंतला से गंधर्व विवाह करना क्यों चाहता था || Shakuntala Raja Dushyant ki kahani

दुष्यंत और शकुंतला की प्रेम कथा- पुरुवंशी प्रतापी राजा दुष्यंत एक बार शिकार पर वन की तरफ गए। मृग का पीछा करते करते राजा दुष्यंत अपने सहयोगियों से बिछड़ गए। और प्यास से विचलित होकर एक आश्रम में पहुंचे। और जल हेतु एक बहुत ही सुंदर स्त्री को अनुरोध किया। ये आश्रम कण्व ऋषि का था और जिस स्त्री से राजा दुष्यंत ने जल हेतु आग्रह किया था उसका नाम शकुंतला था। शकुंतला, अप्सरा मेनका और विश्वामित्र की संतान थी। जिसे मेनका ने कण्व ऋषि के आश्रम में छोड़ कर चली गई थी। कण्व ऋषि ने शकुंतला ने अपने पुत्री के रूप में पालन पोषण किया था। जब राजा दुष्यंत कण्व ऋषि के आश्रम में पहुंचे थे उस समय कण्व ऋषि किसी कार्य वश आश्रम से बाहर गए हुए थे। राजा दुष्यंत के जल हेतु आग्रह पर शकुंतला ने उन्हे जल प्रदान किया और आश्रम के नियमो के अनुसार उन्हे उचित भोजन और विश्राम करने की व्यवस्था की। शकुंतला के इस सत्कार और उसके सौन्दर्य से मोहित होकर राजा दुष्यंत ने शकुंतला से विवाह का अनुरोध किया। शकुंतला को भी राजा दुष्यंत का अनुरोध पसंद आया और आश्रम में ही दोनों का विवाह सम्पन्न हुआ। चूंकि कण्व ऋषि उस समय आश्रम में नहीं थे तो शकुंतला दुष्यंत के साथ उनके गृह नगर नहीं जा सकती थी। जिस कारण दुष्यंत अपने गृह नगर वापस चले जाते है और कण्व ऋषि के आने के उपरांत शकुंतला को उनके नगर आने को बोलते है। और अपनी राज मुद्रिका शकुंतला को प्रदान कर प्रस्थान करते है। दुष्यंत के जाने के उपरांत शकुंतला हर क्षण दुष्यंत की कल्पना में कोई रहती है। उसे किसी बात की परवाह नहीं रहती बल्कि वो दुष्यंत के प्रेम में अपना सुध बुध खोकर अपनी कल्पना लोक में खोयी रहती है। इसी बीच दुर्वाषा ऋषि का आगमन आश्रम में होता है। और वो शकुंतला को जल प्रदान करने हेतु बोलते है। लेकिन दुष्यंत के कल्पना में होने के कारण वो दुर्वाषा ऋषि की बातों का ध्यान नहीं देती जिसे देखकर दूर्वाषा ऋषि क्रुद्ध हो जाते है और शकुंतला को श्राप देते है है कि जिसके ख्यालों में वो खोई है वो उसे भूल जाएगा। इसके पश्चात शकुंतला को अपनी गलती का एहसास होता है और वो दूर्वाषा ऋषि से पनि गलती हेतु क्षमा मांगती है। जैस्पर दूर्वाषा ऋषि शांत होकर बोलते है। वो अपना श्राप तो वापस नहीं ले सकते लेकिन जब वो दुष्यंत की दी हुई मुद्रिका उसे दिखाएगी तो उसे पुनः सब कुछ याद आ जाएगा। Video Name - Om Namah Shivay #Episode216 Copyright - Creative Eye Private Limited Licenses By - Dev Films And Marketing Delhi

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