Русские видео

Сейчас в тренде

Иностранные видео


Скачать с ютуб KAMALNETAR STOTRA WITH LYRICS- कमलनेत्र स्तोत्र (पारम्परिक धुन ) | в хорошем качестве

KAMALNETAR STOTRA WITH LYRICS- कमलनेत्र स्तोत्र (पारम्परिक धुन ) | 6 лет назад


Если кнопки скачивания не загрузились НАЖМИТЕ ЗДЕСЬ или обновите страницу
Если возникают проблемы со скачиванием, пожалуйста напишите в поддержку по адресу внизу страницы.
Спасибо за использование сервиса savevideohd.ru



KAMALNETAR STOTRA WITH LYRICS- कमलनेत्र स्तोत्र (पारम्परिक धुन ) |

KAMALNETAR STOTRA :- श्री कमलनेत्र स्तोत्र:-    • KAMALNETAR STOTRA WITH LYRICS- कमलनेत...   श्री कमलनेत्र कटि पिताम्बर अधर मुरली गिरधरम I मुकुट कुण्डल कर लकुटिया सांवरे राधे वरम II कूल यमुना धेनु आगे सकल गोपी मन हरम I पीत वस्त्र गरूड़ वाहन चरण सुख नित सागरम II करत कोलि किलोल निशदिन कुंज भवन उजागरम I अजर अमर अडोल निश्चल पुरुषोत्तम अपरा परम II दीनानाथ दयाल गिरिधर कंस हिरणाकुश हरणम I गल फूल माल विशाल लोचन अधिक सुन्दर केशवम II बंशीधर वासुदेव छइया बलि छल्यो श्री वामनम I जल डूबते गज राख लीनो लंक छेधयो रावणम II सप्त दीप नव खण्ड चौदह भवन कीनों एक पदम् I द्रौपदी की लाज राखी कहाँ लौ उपमा करम II दीनानाथ दयाल पूरण करुणामय करुणाकरम I कविदत्त दास विलास निशदिन नाम जप नित नागरम II प्रथम गुरु के चरण बन्दौ यस्य ज्ञान प्रकाशितम I आदि विष्णु जुगादि ब्रम्हा सेविते शिव शंकरम II श्री कृष्ण केशव कृष्ण केशव कृष्ण यदुपति केशवम I श्री राम रघुवर राम रघुवर राम रघुवर राघवम II श्री राम कृष्ण गोविन्द माधव वासुदेव श्री वामनम I मच्छ कच्छ वराह नरसिंह पाहि रघुपति पावनम II मथुरा मे केशव राय विराजे गोकुल बाल मुकुंद जी I श्री वृन्दावन मे मदन मोहन गोपीनाथ गोविन्द जी II धन्य मथुरा धन्य गोकुल जहां श्री पति अवतरे I धन्य यमुना नीर निर्मल ग्वाल बाल सखावरे II नवनीत नागर करत निरन्तर शिव विरंचि मन I कालिन्दी तट करत क्रीड़ा बाल अद्धभुत सुन्दरंम II ग्वाल बाल सब सखा विराजे संग राधे भामिनी I बंशी वट तट निकट यमुना मुरली की टेर सुहावनी II भज राघवेश रघुवंश उत्तम परम राजकुमार जी I सीता के पति भक्तन के गति जगत प्राण आधार जी II जनक राजा पनक राखी धणुष बाण चढ़ावही I सती सीता नाम जाके श्री राम चन्द्र प्रणामही II जन्म मथुरा खेल गोकुल नन्द के हृदि नन्दनम I बाल लीला पतित पावन देवकी वसुदेवकम II श्री कृष्ण कलिमल हरण जाके जो भजे हरिचरण को I भक्ति अपनी देव माधव भव सागर के तरण को II जगन्नाथ जगदीश स्वामी श्री बद्रीनाथ विश्वम्भरम I दवारिका के नाथ श्री पति केशवं प्रणमाम्यहम II श्री कृष्ण अष्टपद पढत निशदिन विष्णुलोक सगच्छतम I श्री गुरु रामानन्द अवतार स्वामी कवि दत्त दास समाप्तम II

Comments