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| Tansen Tomb | अकबर के नवरत्नों में शामिल प्रसिद्ध संगीतज्ञ और मोहम्मद गौस के शिष्य तानसेन का मकबरा 2 года назад


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| Tansen Tomb | अकबर के नवरत्नों में शामिल प्रसिद्ध संगीतज्ञ और मोहम्मद गौस के शिष्य तानसेन का मकबरा

| Tansen Tomb | अकबर के नवरत्नों में शामिल प्रसिद्ध संगीतज्ञ और मोहम्मद गौस के शिष्य तानसेन का मकबरा! 📌You can join us other social media 👇👇👇 💎INSTAGRAM👉  / gyanvikvlogs   💎FB Page Link 👉  / gyanvikvlogs   तानसेन मुगल सम्राट अकबर के दरबार के प्रसिद्ध संगीतकार थे। वे हिंदुस्तानी संगीत के जाने-माने गायक थे। वह दरबार के नवरत्नों में से एक थे। उनके गुरु सूफी संत मोहम्मद गौस थे। पुरानी कथाओं के अनुसार जब तानसेन राग मल्हार गाते थे, तो बरसात होने लगती थी। तानसेन की याद में हर साल नवंबर और दिसंबर में तानसेन संगीत समारोह मनाया जाता है, जिसमें भारत के महान गायक संगीतकार शामिल होते हैं। तानसेन का असली नाम राम तनु पांडेय था। वह हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत के महान ज्ञाता थे। ग्वालियर से लगभग 50 किलोमीटर दूर ग्राम बेहट में राम तनु पांडेय का जन्म हुआ। उनके पिता का नाम मकरंद पांडे था। सन 1486 में मकरंद पांडेय के घर पुत्र का जन्म हुआ। परिवार ने उनका नाम राम तनु रखा, जो आगे चलकर तानसेन के नाम से विख्यात हुआ। तानसेन की कला को राजा मानसिंह तोमर ने प्रोत्साहन दिया। राजा मानसिंह तोमर की मृत्यु होने के बाद तानसेन वृंदावन चले गए और वहां उन्होंने स्वामी हरिदास से संगीत की उच्च शिक्षा प्राप्त की। संगीत शिक्षा में पारंगत होने के बाद तानसेन दौलत खां के आश्रय में रहे और फिर रीवा के राजा रामचंद्र के दरबारी गायक नियुक्त हुए। मुगल सम्राट अकबर ने उनके गायन की प्रशंसा सुनकर उन्हें अपने दरबार में बुला लिया और उन्हें अपने नवरत्न में स्थान दिया। तानसेन के पुराने चित्रों से उनके रूप-रंग की जानकारी मिलती है। तानसेन का रंग सांवला था। मूंछें पतली थीं। वह सफेद पगड़ी बांधते थे। सफेद चोला पहनते थे। कमर में फेंटा बांधते थे। ध्रुपद गाने में तानसेन की कोई बराबरी नहीं कर सकता था। तानसेन की मृत्यु 80 साल की आयु में हुई। उनकी इच्छा थी कि उन्हें उनके गुरु मोहम्मद गौस की समाधि के पास दफनाया जाए। वहां आज उनकी समाधि पर हर साल तानसेन संगीत समारोह आयोजित होता है। ग्वालियर नगरी की पहचान स्वर सम्राट तानसेन के नाम से होती है। शहर की अधिकतर पुरा संपदाओं से तानसेन की यादें जुड़ी हुई हैं। हजीरा स्थित तानसेन समाधि शहर के प्रमुख स्मारकों में से एक है। हर साल देश विदेश से हजारों पर्यटक तानसेन मकबरा देखने आते हैं। यहां सुर सम्राट तानसेन के साथ उनके गुरु मुहम्मद गौस का भी मकबरा बना हुआ है। ग्वालियर के पर्यटन ऐतिहासिक स्थलों में विशेष महत्व रखने वाला यह स्मारक मुगलकाल की वास्तुकला का बेहतरीन उदाहरण है। #TansenTomb #Gwalior #Gyanvikvlogs #TombofTansen #तानसेन_का_मकबरा #GwaliorHeritage #AkbarNavratanTansen #TansenKaMakbara #RamtanuPande #MuhammadGhausTomb #MughalEra

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