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न्यूटन के गति के नियम (Newton's Laws of Motion) तीन प्रमुख सिद्धांतों का सेट हैं जो किसी भी वस्तु की गति को समझने में मदद करते हैं। ये नियम सर आइज़क न्यूटन द्वारा प्रस्तुत किए गए थे। यहां पर इन नियमों का संक्षिप्त विवरण हिंदी में दिया गया है: प्रथम नियम (पहला नियम) - जड़त्व का नियम: "यदि कोई वस्तु स्थिर है तो वह स्थिर बनी रहेगी, और यदि कोई वस्तु गति में है तो वह समान वेग और दिशा में गति करती रहेगी, जब तक कि कोई बाहरी बल उस पर कार्य न करे।" इस नियम को जड़त्व का नियम भी कहा जाता है। इसका मतलब है कि एक वस्तु अपनी वर्तमान स्थिति में रहना चाहती है, चाहे वह स्थिर हो या गतिशील, जब तक कि कोई बाहरी बल उसे प्रभावित न करे। द्वितीय नियम (दूसरा नियम) - बल और गति का नियम: "किसी वस्तु पर लगाया गया बल उसके द्रव्यमान और त्वरण (acceleration) के गुणनफल के बराबर होता है। इसे सूत्र में इस प्रकार लिखा जा सकता है: 𝐹 = 𝑚 ⋅ 𝑎 F=m⋅a, जहाँ 𝐹 F बल है, 𝑚 m द्रव्यमान है, और 𝑎 a त्वरण है।" इस नियम के अनुसार, किसी वस्तु की गति में परिवर्तन (त्वरण) सीधे बल के अनुपात में और द्रव्यमान के विपरीत अनुपात में होता है। तृतीय नियम (तीसरा नियम) - क्रिया और प्रतिक्रिया का नियम: "प्रत्येक क्रिया के लिए एक समान और विपरीत प्रतिक्रिया होती है।" इसका मतलब है कि जब भी एक वस्तु दूसरी वस्तु पर बल लगाती है, तो दूसरी वस्तु भी पहले वस्तु पर उतना ही बल लगाती है, लेकिन विपरीत दिशा में। ये नियम हमें वस्तुओं की गति, बल और प्रतिक्रिया को समझने में मदद करते हैं और भौतिकी की कई समस्याओं को हल करने के लिए आधार प्रदान करते हैं।