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Kya Albert Einstein bhagwan ko maante the ? || God of Albert einstein || अल्बर्ट आइंस्टीन का भगवान 3 года назад


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Kya Albert Einstein bhagwan ko maante the ? || God of Albert einstein || अल्बर्ट आइंस्टीन का भगवान

अल्बर्ट आइंस्टीन का भगवान ------------ जब आइंस्टीन अमरीकी विश्वविद्यालयों के किसी संम्मेलन में भाग लेते थे, तो स्टूडेंट उनसे अक्सर एक सवाल पूछा करते थे.. .‘क्या आप भगवान में विश्वश करते हैं?’ उनका हमेशा उत्तर होता था ‘मैं स्पिनोज़ा के भगवान में विश्वास करता हूं।’ ---------------------------- श्री बरूच डी स्पिनोज़ा, यहूदी मूल के डच Philosopher थे, इनका जन्म 17 वी शताब्दी में एमसडर्म में हुआ था इन्हें अपने समय के महान तर्कवादियों में से एक माना जाता है। स्पिनोज़ा का परमात्मा बहुत अनूठा है... सिप्नोज़ा का परमात्मा कहता है ..--- "प्रार्थना करना और अपनी छाती पीटना बंद करो। मैं चाहता हूं कि आप दुनिया में अपने जीवन का आनंद लो। मैं चाहता हूं कि आप खुशी में गाएं, नाचें, मस्ती करें, और जो कुछ मैंने आपके लिए बनाया है, उसका भरपूर सुख लें। उन उदास, अंधेरे, मुर्दा मंदिरों में जाना बंद करें जिन्हें आपने खुद बनाया और जिन्हें आप मेरा घर कहते हैं। मेरा घर तो पहाड़ों में, पेड़ो में है मेरा घर तो वादियों में नदियों में झीलों में, समुद्र तटों में है, मेरा घर तो प्रकृति में सर्वत्र व्याप्त है। वहीं पर मैं निवास करता हुआ सबके प्रति अपना प्यार लुटाता हूं। अपने दयनीय जीवन के लिए मुझे दोष देना बंद करो; मैंने कभी नहीं कहा कि तुम पापी हो। डरना बंद करो। मैं कोई न्यायाधीस नहीं हूं, न ही आलोचक हूं। न कभी नाराज होता हूं, न ही मैं किसी को सजा देता हूं। मैं तो शुद्ध प्रेम हूं। मुझसे माफ़ी मांगना बंद करो, क्षमा करने के लिए कुछ भी तो नहीं है! जब मैंने ही तुम्हें बनाया है और तुम्हें सुखों, भावनाओं, जरूरतों, विसंगतियों, सीमाओं तथा जुनून से भरा है; तो मैं तुम्हें दोष कैसे दे सकता हूं? जब मैं ही आपको संचालित कर रहा हूं ? तो आप जैसे हैं वैसा होने के लिए मैं आपको दंडित कैसे कर सकता हूं? क्या मैं अपनी प्यारी संतान को अनंत काल तक सताने के लिए नरक जैसी जगह बनाऊंगा? सभी प्रकार के आदेशों, धर्म-उपदेशों के बारे में भूल जाओ; जो आपको नियंत्रित करते हैं और आप के भीतर अपराध बोध पैदा करते हैं। बस, अपने साथियों का सम्मान करो और दूसरों के लिए वैसा न करो जैसा आप खुद के लिए नहीं चाहते हो। अपने जीवन पर ध्यान दो, आपकी सजग-स्थिति ही आपकी गुरु है। ‘यहां और अभी’ में जियो। मैंने आपको पूरी तरह से स्वतंत्रता दी है। किसी पुरस्कार या दंड का विधान नहीं हैं, कुछ पाप या पुण्य नहीं हैं। कोई भी आपका हिसाब-किताब नहीं रखता है! आप अपने जीवन को सुखी या दुखी बनाने के लिए, स्वर्ग या नरक निर्माण हेतु बिल्कुल आजाद हैं। मैं आपको बता नहीं सकता कि इस जीवन के बाद कुछ है या नहीं है, लेकिन एक सलाह जरूर दूंगा--ऐसे जियो जैसे कि बाद में कुछ नहीं है--मानो यह तुम्हारा एकमात्र मौका है अस्तित्व में आनंदित होने का, इकलौता अवसर है प्रेम करने का। इसलिए, मरणोपरांत यदि कुछ नहीं है, तो आप मेरे द्वारा दिए गए अवसर का आनंद ले ही चुकेंगे। और अगर कुछ है, तो निश्चित रूप से मैं यह कतई नहीं पूछूंगा कि आपने जीवन में अच्छा कर्म किया था या नहीं? मेरा सवाल कुछ ऐसा होगा--क्या आपको जीवन पसंद आया? सबसे ज़्यादा मज़ेदार क्या लगा? जिंदगी से आपने क्या सीखा? मुझ पर विश्वास करना भी बंद करो। विश्वास तो मात्र मानना, अनुमान करना, कल्पना करना है। मैं नहीं चाहता कि तुम मुझ पर श्रद्धा करो। बल्कि अच्छा हो कि मुझे छोटी-छोटी खुशियों में महसूस करो--जब तुम अपने प्रिय व्यक्ति को चूमते हो, जब बच्चों के संग खेलते हो, जब अपने पालतू जानवर को दुलार करते हो या जब तुम स्नान करने में प्रसन्नता महसूस करते हो--मुझे अनुभव करो। मेरी तारीफ करना भी बंद करो। क्या तुम सोचते हो कि मैं किसी तरह का अहंकारी ईश्वर हूं जिसे स्तुति पसंद है? वास्तव में मैं आपकी तारीफों से ऊब गया हूं। हां, मैं धन्यवाद से प्रभावित होता हूं। क्या आप कृतज्ञ महसूस करते हैं? स्वयं का ख्याल रखते हुए अनुग्रह भाव को सिद्ध करें। अपने स्वास्थ्य का और रिश्तों का, अपने आसपास की दुनिया का ख्याल रखते हुए कुतज्ञता को साबित करें। क्या आप अभिभूत महसूस करते हैं? तो अपनी खुशी व्यक्त करें! बस, यही मेरी सच्ची तारीफ होगी। एक बात सुनिश्चित है कि आप यहाँ हैं, कि आप जीवित हैं, कि यह दुनिया अजूबों से भरी है। आपको और कौन से चमत्कारों की अपेक्षा है? इतने तर्क और विवाद में क्यों उलझते हो? मुझे बाहर मत ढूंढ़ो, तुम मुझे नहीं पाओगे। मुझे अंदर खोजो, वहाँ मैं ही तुम में धड़क रहा हूँ। यही है -बारूक दे स्पिनोज़ा का ईश्वर #Albert_einstein #God #spinoza भूत प्रेत, आत्मा ,अलौकिक पारलौकिक शक्ति, सिद्ध करें करोड़ो ले जाए ! ghosts, spirits, supernatural    • भूत प्रेत, आत्मा ,अलौकिक पारलौकिक शक्...   kya sach mein bhoot hote hain, क्या है भूत प्रेत ,देवी शरीर में आना! जानिए सच या ढोंग    • Devi, Mata Shareer men aana ,भूत प्रे...   अगर आत्मा नही होती, तो फिर जीवन क्या है ? मरने के बाद क्या होता है Science of life    • अगर आत्मा नही होती, तो फिर जीवन क्या ...   क्या आत्मा दोबारा जन्म लेती है ? मरने के बाद क्या होता है,? What happen After death! [Part 2]    • क्या आत्मा दोबारा जन्म लेती है ? मरने...   Music credit Youtube music library Copyright Disclaimer Under Section 107 of the Copyright Act 1976, allowance is made for "fair use" for purposes such as criticism, comment, news reporting, teaching, scholarship, and research. Fair use is a use permitted by copyright statute that might otherwise be infringing. Non-profit, educational or personal use tips the balance in favor of fair use.

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