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#mirzaghalib #chandnichowk #olddelhi Heritage Walk Mirza Ghalib Haveli To Chandni Chowk | Old Delhi Historical Place वैसे तो गालिब की पैदाइश आगरा मेंnहुई थी मगर 11वीं सदी में यह हवेली गालिब के रहने की जगह बन गई दिलचस्प बात यह है कि उन्होंने यह घर कभी खरीद नहीं बल्कि एक हकीम ने उन्हें तोहफे में दिया था कहते हैं गालिब ने आखिरी साल अपनी जिंदगी के इसी घर में बिताए थे गालिब की शायरी को लेकर प्यार ईश्क मोहब्बत की दास्तान देखी जा सकती है उनके कई शेर माहौल में मदहोशी घोल देते हैं और टूटे हुए दिलों की दास्तां भी बयान करते हैं आप भी शेरो शायरी के शौकीन हैं तो मिर्ज़ा ग़ालिब की हवेली का प्लान बना सकते हैं मिर्ज़ा ग़ालिब कैसे शेयर थे जिन्होंने अंग्रेजों और मुगलों के जमाने में अपना नाम रोशन किया था गालिब की शायरी एक नशे की तरह है जितना पढ़ो उतना कम गालिब की शायरी का दर्द कहीं ना कहीं उनकी जिंदगी की कहानी था यह दर्द आपके वालिद की हवेली में देखने को मिलेगा अभी हवेली वाली का म्यूजियम बन चुकी है लेकिन कहा जाता है गालिब आखिरी रात बल्लीमारान की इसी हवेली में थे वैसे तो गालिब आगरा में काला महल के अंदर 1797 में पैदा हुए थे मगर 11 साल की उम्र में वह दिल्ली आ गए थे और सन 1812 में उमराव बेगम से शादी कर ली थी 27 दिसंबर को गालिब के पैदाइश के दिन इस म्यूजियम में मुशायरा वगैरा होते हैं अगर आप चाहे तो कभी आ सकते हैं और गालिब की हवेली के साथ-साथ चांदनी चौक का इतिहास भी मैं आपको बताता हूं चांदनी चौक या मूनलाइट स्क्वायर जिसे शाहजहां की बेटी शहजादी जहां आरा बेगम ने 1650 में डिजाइन करके बनवाया था 1560 दुकानों और 40 गज चौड़ा यह बाजार 1500 गज लंबा था चांदनी चौक का मतलब चांदनी वाली जगह इस बाजार को इनाम इस वजह से दिया गया क्योंकि शाहजहां के दौर में इस जगह पर काफी सारे पेड़ पौधे थे और यहां पर एक तालाब बनवाया था जिसमें चांद की रोशनी पढ़ने पर बाजार और आसपास की चीज जगमग हो जाती थी जिस वजह से इसे चांदनी चौक कहते हैं चांदनी चौक पर हर धर्म से जुड़ी कोई ना कोई निशानी मौजूद है जैसे हिंदुओं का गौरी शंकर मंदिर मुसलमानों की फतेहपुरी मस्जिद सिखों के लिए गुरुद्वारा शीशगंज साहिब और केंद्रीय बापिस्ट चर्च जो ईसाई धर्म के लोगों के लिए यह चांदनी चौक ऐसी जगह है जहां पर आपको यह चीज एक साथ देखने को मिलेंगे बाकी जानकारी के लिए आप पूरा वीडियो देख सकते हैं मिर्ज़ा ग़ालिब का मजार पुरानी दिल्ली बल्लीमारान कासिम जान गली में है यहां का नजदीकी मेट्रो स्टेशन चांदनी चौक और चावड़ी बाजार है जहां से आप पैदल कर चल कर आ सकते हैं गालिब की हवेली पीर के दिन बंद रहती है बाकी दिन 11 से 6 बजे तक खुलती है #mzeetravel #historical #haveli #mirzaghalibpoetry #mirzaghalibghazal #delhi #mughaldynasty #mughal #chandnichowkolddelhimarket #ghalib #vlog #poetry My youtube channel link / @mzee751 my Instagram account https://www.instagram.com/zeeshankhan... releted video • Unveiling the hidden stories of Mirza... • Zafar Mahal | मुगलों की आखरी इमारत ज... your queries mirza ghalib haveli mirza ghalib haveli chandni chowk mirza ghalib haveli in delhi mirza ghalib history in hindi mirza ghalib biography in hindi mirza ghalib house in delhi mirza ghalib museum mirza ghalib mughal empire chandni chowk market mirza ghalib shayari mirza ghalib poetry ghalib memorial mirza ghalib ki haveli urdu