У нас вы можете посмотреть бесплатно MS. KAUSAR HAJI SINGING RAGA JHINJOTI, RAGA KEDAR AND A DADRA. CURATED BY MIHIR THAKORE или скачать в максимальном доступном качестве, которое было загружено на ютуб. Для скачивания выберите вариант из формы ниже:
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ACCOMPANISTS: TABLA- PUSHKARAJ JOSHI; HARMONIUM- SUPRIYA JOSHI BANDISHES: राग : झिंझोटी ताल: विलंबित झपताल महादेव शंकर जटा जुट त्रिए नैन नीलकंठ। व्याघ्रांबर अंबर भस्म चरा चर सिंघी नाथ शंभो भाले तिलक बिराजा।। ताल: अध्धा तीनताल पति देवन् महादेव शिव शंभु एक कर राख त्रिशूल एक डमरू । अंगबगंर ओढ़े भस्म चरावे अमर पिया पकहु ।। ताल: द्रुत तीनताल अँखियाँ उन सो लागी मोरी आली अब लो नहीं आये। दरस पिया बिन जिया बेकल है किन सौतन बिरमाये।। राग: केदार ताल: मध्यलय झपताल मालनीयाँ सज चली हटवा डार के चमेली के हरवा । चंपा के बरन अंग सोहत कमल दल समान सोहे अँखियाँ छलकत जोबनवा रस मधुवा ।। ताल: द्रुत एकताल चतर सुघर बलमा पकरत हो बैयाँ वे तो नवेली नार का जाने हित की सारी गँवार । तुम तो महाज्ञानी अत प्रवीण सब बिध जानत हो पहचानत हो वे तो अपने घर की लाड़लड़ात लाड़ली को लीजो मना दादरा ताल: दीपचंदी हो गयी बैरीया पिया के आवन की दरवजवा पे थारी रहु मोरी गुँईयॉं। कौन नगरीया पिया तुम छाये बित न जाये ऋतु तुमरे मिलन की। रैन अंधेरी बिरहा की मारी अँखियन तरसत बुंदीयाँ सावन की ।। कर प्यार सरस गरवा लाये तुम ।।