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माटी में मिलल जाता चढ़ल जवनिया | पूर्वी छपरहिया | Folk of Bihar | कल्पना पटवारी भारतीय लोक गायिका 4 года назад


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माटी में मिलल जाता चढ़ल जवनिया | पूर्वी छपरहिया | Folk of Bihar | कल्पना पटवारी भारतीय लोक गायिका

SUBSCRIBE ‪@MusicBoxLatest‬ लोक धुनों में पूर्वी एक अत्यन्त प्रचलित एवं लोक प्रिय धुन है जो उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल तथा बिहार के पश्चिमाचल में बड़े चाव से गाय जाता है ! पूर्वी के कई अंग है जिन्हे बहुत कम लोग जानते है ! पूर्वी आम, पूर्वी छापरहिया और पटनहिया का ज्ञान तो बहुतो को है, किन्तु इसके अतिरिक्त दारुन पूर्वी, चम्पई पूर्वी और धन्नड़ पूर्वी अपनी - अपनी अलग पहचान रखते है, जिसे कम ही लोग जानते है ! मात्राओ और धुनों में थोड़ा सा अंतर हुआ करता है | इन धुनों पर भी इक्का दुक्का हमारे पारम्परिक गीत विधमान है | गायक इन्हे यदा - कदा गाते भी जरूर है | पर इनके नाम और पहचान से वाकिफ नहीं हैं कि वह कौन पूर्वी गा रहे हैं | पूर्वी तभी तक सिर्फ पुरुष गायक ही गया करते थे। जब कल्पना पटवारी ने पूर्वी गाई तो लगा, कि पहली बार पूर्वी को इतना अच्छा गाया जा सकता है। कहा जाता था कि पूर्वी गाने के लिये करेजा चाहिये। इतनी अच्छी गायिकी के लिये संगीत कि उचित शिक्षा बहुत ज़रूरी है। Singer: Kalpana Patowary Music Director: Madhukar Anand Lyrics: Tarakeshwar Mishra Rahi - Bhojpuri poet and writer. Purvi Chhaprahiya: Folk of Bihar Vocal recorded in MUSIC BOX STUDIO MUMBAI. Label: T Series Coming from a different cultural background of Assam, to unfamiliar direction of Bhojpuri folk music, कल्पना पटवारी considers this golden moment as a very rare phenomena of her persona, going the extra miles to set herself as the role model and cultural bridge, respecting the differences of diverse and tolerant India. She is the first woman to record the ‘Chhaprahiya Purvi’ folk form of Purvanchal i.e. a particular region of Bihar and Uttar-Pradesh in 2004. Prior to her work Chhaprahiya Purvi was a male preserve which requires a high octave gigantic vocal range. #भोजपुरी_पुरबी #पूर्वी_छपरहिया #songonmigration

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