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Edit with InShot: https://inshotshare.app Know about nandigram bharatkund.... ram ji bharat ji se vanvaas je bad kahan mile? nandigram naam kyu pada? अयोध्या से 15 किलोमीटर दूर सुल्तानपुर रोड पर स्थित श्रीराम के छोटे भाई भरत की तपोस्थली नंदीग्राम भरतकुंड है, जो हर तरह से उपेक्षा का शिकार है। यहां के पुजारी कहते हैं कि अयोध्या में राम मंदिर तो बनेगा ही, लेकिन आज जो नंदीग्राम है उस पर किसी का ध्यान क्यों नहीं जाता है। विवादित राम मंदिर का दर्शन करने के लिए देश-दुनिया के कोने-कोने से लोग आते हैं, लेकिन चंद लोग ऐसे हैं जो नंदीग्राम जाते हैं। हमेशा सूखा-सूखा रहने वाले इस क्षेत्र में जितने बंदर हैं, उतने लोग भी प्रतिदिन यहां दर्शन करने के लिए नहीं आत आखिर अयोध्या से 15 किमी. दूर क्यों नहीं जाती किसी की नजर राम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर बनाने के लिए देशभर में भूचाल आया है, लेकिन अयोध्या में ही राम मंदिर के आसपास चंद किलोमीटर के दायरे में कई ऐतिहासिक, पौराणिक, धार्मिक, आध्यात्मिक केंद्र है जिस पर कोई विवाद नहीं है। ऐसे स्थलों के विकास पर, उसके रखरखाव पर किसी का ध्यान नहीं है। साधु-संत-महात्माओं और हिंदुत्व की बात करने वाली योगी और मोदी सरकार ने पूरी तरह से उपेक्षित कर रखा है। देश-दुनिया से लोग अयोध्या आते हैं, किंतु पुराने स्थालों पर नहीं जाते,क्यों? यहां के धार्मिक स्थलों के बारे में किसी को बताया भी नहीं जाता। आखिर सबकी दुकान तो राम जन्मभूमि पर लगी है। अयोध्या में वीएचपी के धर्म संसद मंच पर बैठे भगवाधारियों से पूछा, तो बोले, उन्हें पता नहीं है। अयोध्या के साधु-संतों से पूछा, तो कहते हैं पहले राम मंदिर बन जाने दो बाद में वह भी बन जाएगा। नहीं हो पा रहा है मरम्मत का काम अयोध्या से 15 किलोमीटर दूर सुल्तानपुर रोड पर स्थित श्रीराम के छोटे भाई भरत की तपोस्थली नंदीग्राम भरतकुंड है, जो हर तरह से उपेक्षा का शिकार है। यहां के पुजारी कहते हैं कि अयोध्या में राम मंदिर तो बनेगा ही, लेकिन आज जो नंदीग्राम है उस पर किसी का ध्यान क्यों नहीं जाता है। विवादित राम मंदिर का दर्शन करने के लिए देश-दुनिया के कोने-कोने से लोग आते हैं, लेकिन चंद लोग ऐसे हैं जो नंदीग्राम जाते हैं। हमेशा सूखा-सूखा रहने वाले इस क्षेत्र में जितने बंदर हैं, उतने लोग भी प्रतिदिन यहां दर्शन करने के लिए नहीं आते। सरकार और साधु संतों के घोर उपेक्षा के चलते यहां की इमारत का रखरखाव और मरम्मत काम नहीं हो पा रहा है। नंदीग्राम भरत कुंड क्या है? नंदीग्राम भरत कुंड के बारे में कहा जाता है कि यहां भगवान राम के भाई भरत ने राम के वनवास से लौटने के लिए तपस्या की। मान्यता है कि राम जब 14 वर्ष के वनवास के लिए राजपाट छोड़कर चले, तो भरत भी उनके साथ हो लिए। राम के कहने के बाद उन्हें नंदीग्राम पर ही रोक दिया गया। यहीं पर भरत श्रीराम की की खड़ाऊं को प्रतीक के तौर लेकर अयोध्या का राजपाट चलाने लगे। 14 वर्ष बनवास खत्म कर जब राम अयोध्या वापस लौटे तो यहीं पर भरत से मिले। यहीं पर इसी दौरान दशरथ ने प्राण त्याग दिया। पिता के पिंडदान के लिए नंदीग्राम में कुंड का निर्माण कराया गया, जिसे भरतकुंड के रूप में माना गया। यहीं पर भरत और हनुमान की मुलाकात हुई और एक दूसरे को गले लगाया था। यह एक शांतिपूर्ण और निर्मल जगह है। लोग श्राद्ध समारोह (दिवंगत लोगों के लिए प्रार्थना) करने के लिए भी यहां पर ही आते हैं और कुंड में डुबकी लगाते हैं। भरतकुंड के दूसरे छोर पर गया वेदी है। इस वेदी पर पितृपक्ष में पूर्वजों का तर्पण करने हेतु गया (बिहार) जाने से पूर्व यहां पिंडदान की अनिवार्यता होने के कारण हिंदू धर्म में इस स्थान का बड़ा महत्व है। 24 घंटे 14 साल तक चलने वाला सीताराम का कीर्तन जारी भरतकुंड नंदीग्राम में श्री रामजानकी मंदिर में 24 अक्टूबर 2018 से श्री सीताराम नाम कीर्तन चल रहा है जो 24 घंटे लगातार जारी रहता है। अगले 14 साल तक यह चलते रहेगा। 15 अक्टूबर 2032 को खत्म होगा। यहीं पर भगवान शंकर का मंदिर है जिसमें नंदीजी मंदिर के बाहर देख रहे हैं। आमतौर पर नंदीजी भगवान शंकर की तरह मुंह किए रहते हैं, लेकिन यहां नंदीजी का सिर शिवलिंग की तरफ से मंदिर से बाहर की ओर है। यहां एक ऐसा पेड़ है जिसकी डालियां एक दूसरे का लपेटती हैं। यहां के पुजारी रामनारायण तिवारी कहते हैं कि वृक्ष की डालियों को ध्यान से देखेंगे तो आपको देवताओं की तस्वीर दिखाई देगी। यहीं पर एक कुआं है जिसके पानी की गंगा के पानी से तुलना की जाती है। पुजारी तिवारी जी का दावा है कि सालों साल पानी रखें, कभी कीटाणु नहीं पड़ेगा। पुजारी कहते हैं कि यहां भगवान शिव भी आया करते थे। #youtube #ayodhya #nandigram #bharat #ram #hanuman #trending #video #viral @timesofayodhya9861 @AapkiAyodhya @RepublicTVBharat @IndiaTV @MrBeast