У нас вы можете посмотреть бесплатно स्वतःसाठी बांधियले घर | जीवनातील अंतिम सत्य सांगणारा अभंग | आबांच्या सुमधुर आवाजात | अवश्य ऐका | или скачать в максимальном доступном качестве, которое было загружено на ютуб. Для скачивания выберите вариант из формы ниже:
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स्वतःसाठी बांधले घर आपण गावाच्या बाहेर ||धृ|| माझे माझे म्हणुनी दिन गेले सारे जाग्यावर राहिले कुणी नाही आले बरोबर ||१|| पै पै करूनी धनकमविले संगती शेवटी नाही आले सारे राहिले बघा जाग्यावर ||२|| सगे सोयरे स्मशानी आले मज एकट्याशी ठेवुनी गेले मी ही एकटाच स्मशानावर ||३|| दास म्हणे रे मोह माया कुटुंबासाठी झिजवली काया शेवटी जाणार सरनावर ||४||