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मेरे प्रिय गुरुजी राजेंद्र (रसराज) त्रिपाठी | संस्कृत का बहुत ही सुंदर गीत |मोदते मधुमासो रसालतरौ | मोदते मधुमासो रसालतरौ । रोचते ऋतुराजो रसालतरौ।। मोदते..१मन्दं मन्दं प्रवहति पवनः। श्रूयते पिकनादो रसालतरौ ।। मोदते.. २ ...फाल्गुनमासे रमयति रमण : । शोभते रतिकामो रसालतरौ। मोदते... ३मञ्जुमञ्जरी मदयति नित्यम्, दृश्यते मधुलासो रसालतरौ ।। मोदते..४ ...गुञ्जति मधुपो मधुरं मधुरम्, सेवते मधुपानं रसालतरौ।। मोदते....५सुखयति रसयति सायंकालः, मोहयति रविलासो रसालतरौ ।। मोदते ६श्रावं श्रावं गीतं ललितम्, जायते हृदि हासो रसालतरौ ।। मोदते ७.. #rajendratripathi #sanskritgeet #rajendrarasrajtripathi #Geet #sanskritsong