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जय गंगा मैया कथा | सगर पुत्र असमंजस की कथा (भाग -1) 2 года назад


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जय गंगा मैया कथा | सगर पुत्र असमंजस की कथा (भाग -1)

भक्त को भगवान से और जिज्ञासु को ज्ञान से जोड़ने वाला एक अनोखा अनुभव। तिलक प्रस्तुत करते हैं दिव्य भूमि भारत के प्रसिद्ध धार्मिक स्थानों के अलौकिक दर्शन। दिव्य स्थलों की तीर्थ यात्रा और संपूर्ण भागवत दर्शन का आनंद। दर्शन दो भगवान! Watch the video song of ''Darshan Do Bhagwaan'' here -    • दर्शन दो भगवान | Darshan Do Bhagwaan ...   Watch the Short story ''sagar putr asamanjas kee katha'' now! Watch all the Ramanand Sagar's Jai Ganga Maiya full episodes here - http://bit.ly/JaiGangaMaiya Subscribe to Tilak for more devotional contents - https://bit.ly/SubscribeTilak राजा सगर अपने पिता बनने की ख़ुशी में राज्य में भोजन का प्रबंध करवाता है। रानी केशनी एक पुत्र को जनम देती हैं। राज वैद्य राजा को बताते हैं की उनका बालक अपंग पैदा हुआ है। राजा अंकों अपने श्राप की याद आ जाती है और वह दुःखी हो जाता है। समय के साथ साथ राजकुमार बड़ा होता जाता है। राजकुमार असमंजस एक दिन अपने मित्रों के साथ खेल रहे थे। राजकुमार असमंजस उनकी गेंद को पत्थर में बदल देते हैं जो एक बालक को लेग जाती है और उसकी मृत्यु हो जाती है। उस मृत बालक के माता पिता अपने पुत्र के शव को लेकर राजा सगर के पास आते हैं और राजा से कहते हैं की आपके पुत्र असमंजस ने हमारे पुत्र की हत्या की है। राजा अपने पुत्र को बुलाते हैं और उस से बालक की हत्या के बारे में सवाल पूछते हैं तो राजकुमार असमंजस कहता है की मैंने उसे मारा नहीं है मैंने तुम्हें मुक्ति दी है। राजकुमार असमंजस अपने मित्र बालक को वापस जीवित कर देते हैं। नारद मुनि जी गंगा मैया से इस बारे में पूछते हैं की असमंजस ने ऐसा कैसे कर दिया। गंगा मैया नारद मुनि को बताते हैं की असमंजस ने एक बावले बालक के रूप में जनम लिया है लेकिन उसके पास सभी तरह का ज्ञान पहले से ही है। असमंजस एक महान तपस्वी है जिसके कारण उसने बालक को पुनः जीवित कर दिया। राजा सगर और रानी केशनी अपने पुत्र को तितली पकड़ते देखते हैं तो वो उन्हें कहते हैं की तुम्हें शिकार करने के लिए वन में जाना चाहिए। राजकुमार असमंजस वन में शिकार करने जाता है वन में सैनिक एक हिरन असमंजस को हिरन दिखाते हुए उसका शिकार करने को कहते हैं लेकिन असमंजस उस हिरन का शिकार करने से मना कर देता है और अपनी माता और पिता के पूछने पर बताता है की मुझे उस हिरन का शिकार करते वक्त मुझे ऐसे लगा की यदि मैंने उसका शिकार किया तो वो हिरन मुझे श्राप दे देगा। ब्रह्मा जी नारद मुनि जी को बताते हैं की असमंजस को सब कुछ ज्ञात है वह यह भी जनता है की उसका जन्म राजा सगर के यहाँ क्यों हुआ है। रानी सपने में डर कर उठ जाती है तो राजा सगर उसे समझाते हैं। रानी केशनी अपनी पति से कहती है की हमारा पुत्र हमारे राजा बनाने के लायक़ नहीं है। वह राजनीतिज्ञ नहीं बनना चाहता उसे तो सिर्फ़ सन्यास और भक्ति से मतलब है। राजा सगर असमंजस को राजा बना कर वन में तप करने के लिए जाने की कहते हैं ताकि असमंजस अपने राज्य के कर्तव्य को सम्भालने में इतना व्यस्थ हो जाएगा की उसे इन सब कार्यों के लिए समय ही नहीं मिलेगा। राजा सगर अपनी सभा में राजकुमार असमंजस को राजकुमार बनाने की बात पर चर्चा करते हैं तो महामंत्री राजा सगर को कहते हैं की आपको वन में तप करने तभी जा सकते हैं जब आप अपने राज सिंहासन को उचित उत्तराधिकारी दे देंगे। महामंत्री राजा और रानी को बताते हैं की राजकुमार असमंजस राजा बनने के लायक़ नहीं है। राजा सगर अपनी पत्नी के साथ ऋषि औरव के पास आते हैं और उनसे कहते हैं की राज सभा ने राजकुमार असमंजस को राजा बनाने से मना कर दिया है। ऋषि औरव उन्हें कहते हैं की अयोध्या के उद्धार के लिए आपको दूसरा उत्तराधिकारी देने ही होगा और वही अयोध्या का राजा बनेगा। गुरु औरव की आज्ञा से राजा सगर ने राज वैद्य को बुलाया और उनसे कहा कि उन्हें दूसरी संतान चाहिए। Ramanand Sagar presents - 'JAI GANGA MAIYA' based on the most revered and the only living goddess - GANGA. Residing in the Kamandal of LORD BRAHMA, BHAGWATI GANGA, like SARASWATI and LAXMI, is one of the seven SHAKTIS of supreme GODDESS MAHAMAYA ADISHAKTI. The story goes far back when Kapil Muni curses King Sagar's sixty thousand and one sons and reduces them to ashes. On repeated requests by the sole son of King Sagar, Kapil Muni finally changes his mind and says that King Sagar's sons would attain MUKTI only if their ashes are cleansed by the holy water of GODDESS GANGA. Generation after generation apologize to pacify BRAHMA but without success - and finally after music praying by BHAGIRATH - the seventh generation of King Sagar, GANGA reluctantly consents to descend to earth. To contain its powerful fall, LORD SHIVA steps in the way and lets the river tumble gently through his long hair onto the Himalayas. GANGA then flows across India to the edge of the ocean, where she washes over the ashes and gives of millions of Indians for whom the river is Holy because river Ganga personifies GODDESS GANGA who descends to earth to cleanse the sins of mankind. Ramanand Sagar's JAI GANGA MAIYA is based on: Shrimad Devi Bhagwat, Shree Padma Mahapuran, Shree Bhagwat Mahapuran, Shree Durga Saptashati, Shree Skanda Mahapuran, and Shree Waman Mahapuran. Other sources of inspiration include: His Holiness Shankaracharya, Maharishi Valmiki, Ved Vyas, Sant Tulsidas and also folk literature, popular legends of medieval and modern literature. In association with Divo - our YouTube Partner #JaiGangaMaiya #JaiGangaMaiyaonYouTube #JaiGangaMaiyaKatha

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