Русские видео

Сейчас в тренде

Иностранные видео


Скачать с ютуб Delivery से पहले Perineum पर कैसे ध्यान दें? | Care of Perineum before delivery | Dr Supriya Puranik в хорошем качестве

Delivery से पहले Perineum पर कैसे ध्यान दें? | Care of Perineum before delivery | Dr Supriya Puranik 2 года назад


Если кнопки скачивания не загрузились НАЖМИТЕ ЗДЕСЬ или обновите страницу
Если возникают проблемы со скачиванием, пожалуйста напишите в поддержку по адресу внизу страницы.
Спасибо за использование сервиса savevideohd.ru



Delivery से पहले Perineum पर कैसे ध्यान दें? | Care of Perineum before delivery | Dr Supriya Puranik

Delivery से पहले perineum के दर्द पर कैसे ध्यान देना चाहिए जिसके कारण delivery के दौरान शिशु को बहार निकलने में आसानी हो और माँ के perineum muscles को कम से कम दर्द हो। इस video में Dr Supriya Puranik (Test Tube Baby Consultant & Practicing genecology since 20 years) हमें विस्तार से इस विषय के बारे में जानकारी दे रही है। जन्म के दौरान जब शिशु का सिर (या नितंब) बाहर आता है, तो योनि और गुदा के बीच के इस स्थान में काफी खिंचाव होता है। प्रेगनेंसी के दौरान ये perineum का दर्द कम से कम रहे इसलिए हमें pregnancy के अंतिम चरण में विशेष ध्यान रखना जरुरी है। कई अध्ययनों से यह पता चला है कि पेरिनियल मसाज पेरिनियम का ख़याल रखने के लिए एक बेहतरीन और प्रभावशाली तकनीक है। योनि और गुदा के बीच एक बेहद नाजुक हिस्सा है, जिसे पेरिनियम कहा जाता है। नाॅर्मल डिलीवरी के दौरान इस हिस्से में कट लगाया जाता है ताकि बच्चा बर्थ कनाल से आसानी से दबाव बनाते हुए बाहर निकल सके। डिलीवरी के दौरान perineum tissue का रिलैक्स होना जरूरी है ताकि सहजता से बच्चा बाहर आ सके। Massage की मदद से इस हिस्से को स्ट्रेच किया जाता है जो कि जन्म के दौरान बच्चे के निकलने के लिए सहज रास्ता तैयार करता है और डिलीवरी के समय कट लगने की गुंजाइश को कम करता है। Perineum massage के फायदे - यह मसाज पेरिनियम में लचीलापन पैदा करती है, जिससे बच्चे के जन्म के दौरान मां को कम दर्द होता है। Massage डिलीवरी के दौरान पेरिनियम को खोलने में मदद करता है। इसके कारन episiotomy की आवश्यकता भी कम होती है। Perineum के हिस्से की मसाज करने से रक्त संचार बेहतर होता है। यह भी देखा गया है की पेरिनियम मसाज उस एक बिंदू पर दबाव बनाता है, जो कि कब्ज की शिकायत को कम कर सकता है। Perineum की मालिश हम pregnancy के 34 से 36 हफ्तों के बाद शुरू करते है जो डॉक्टर की सलाह और निगरानी में ही करनी चाहिए। इस विषय पर अधिक जानकारी पाने के लिए पूरा video देखे। Check out our other videos - 1.प्रेग्नेंट कैसे बने? | How to get pregnant or conceive? | Hindi | Dr Supriya Puranik-    • प्रेग्नेंट कैसे बने? | How to get pre...   2.नॉर्मल डिलीवरी के लिए महत्वपूर्ण टिप्स | Tips for Normal Delivery | Dr Supriya Puranik, Pune -    • नॉर्मल डिलीवरी के लिए महत्वपूर्ण टिप्...   3.प्रेग्नन्सी के ७ महत्वपूर्ण लक्षण | 7 Early Pregnancy Symptoms - Hindi | Dr Supriya Puranik, Pune-    • प्रेग्नन्सी के ७ महत्वपूर्ण लक्षण | 7...   4. प्रेगनेंसी के लिए सम्बन्ध बनाने का सबसे सही दिन :    • प्रेगनेंसी के लिए सम्बन्ध बनाने का सब...   -------------------------- For appointment-related queries kindly fill out the form: https://www.drsupriyapuranikivf.com/c... 👈 Visit our website: https://www.drsupriyapuranikivf.com/ 👈 Join Telegram Group Links 1. Infertility Support Group: https://t.me/joinchat/muUc_ROyERhlOGQ9 👈 2. Postpartum care: https://t.me/joinchat/iX00B6JC4zAxODY1 👈 3. Pregnancy Support Group: https://t.me/joinchat/4FEc6raBtNNhNWI9 👈 हम आपके सरे सवालों के जवाब देने की कोशिश करेंगे | हम इस, डॉ सुप्रिया पुराणिक, चैनल के जरिये बहुत सारी female health, IVF, Infertility related जानकारी आपके लिए ला रहे है | तो अपडेटेड रहने के लिए हमारे चैनल को सब्सक्राइब करे, like कीजिये और शेयर कीजिये. धन्यवाद! #delivery #perineumpain #pregnancy #gynaecology #obstetrics #drsupriyapuranik #mothercare

Comments