У нас вы можете посмотреть бесплатно Does God Exist? क्या भगवान का अस्तित्व है? किसमें भरोसा करें, भगवान या विज्ञान? или скачать в максимальном доступном качестве, которое было загружено на ютуб. Для скачивания выберите вариант из формы ниже:
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क्या भगवान का अस्तित्व है? अगर कोई ईश्वर है तो क्या हमें उस पर विश्वास करना चाहिए? क्या भगवान के अस्तित्व में होने का कोई सबूत है? यह ऐसे प्रश्न है जो सालों से डिबेट का विषय बने हुए हैं यही प्रश्न आज डिस्कस किए जा रहे हैं और यही प्रश्न भविष्य में भी डिबेट का विषय बने रहेंगे ! Does God Exist: अगर कॉमन सेंस की बात करें तो लगता है कि भगवान का अस्तित्व है ( God Exists ). लेकिन जैसे ही हम इस दुनिया को विज्ञान की नज़रों से देखते हैं तो लगता है कि भगवान जैसी कोई चीज होती ही नहीं है! अब सवाल यह है कि क्या ईश्वर का अस्तित्व है या नहीं Does God Exist ?आइए जानने की कोशिश करते हैं ! आप अपने आसपास जो भी चीज देखते हो जैसे मोबाइल फोन, आपका घर, कंप्यूटर, एयरप्लेन, रोबोट्स, बड़ी-बड़ी इमारतें, इलेक्ट्रिक बल्ब, ताजमहल, ये एक ना खत्म होने वाली लिस्ट है इन सब का अविष्कार अपने आप इत्तेफाक से नहीं हुआ बल्कि इन सबको बनाने के पीछे इस धरती की सबसे बुद्धिमान प्रजाति यानी हम इंसानों का हाथ है ! हमारे वैज्ञानिकों ने कड़ी मेहनत करके और कई असफलताओं का सामना करने के बाद इन सफलताओं को हासिल किया है और हम तक इन चीजों को पहुंचाया है! अब देखते हैं उन चीजों को जो हम इंसानो ने नहीं बनाईं बल्कि वह प्रकृति की देन है जैसे पेड़-पौधे, पहाड़, नदियां, सागर, हवा, पानी, जानवर, और हम इंसान खुद क्या इतनी सुंदर प्रकृति का निर्माण अपने आप इत्तेफाक से हो गया या इसको बनाने के पीछे किसी बुद्धिमान प्राणी ( God ) का हाथ है? हम इतनी बड़ी प्रकृति की बात करने से पहले अपने छोटे से लेकिन जटिल शरीर की बात कर लेते हैं! हम इंसानों की बॉडी इतनी पर्फेक्टली बनी है कि लगता नहीं कि यह एक इत्तेफाक है ! हमारा दिल जो ब्लड को पूरी बॉडी में लगातार पंप करता रहता है ! हमारा दिमाग जो पूरी बॉडी के Functions को कंट्रोल करता है ! हमारी आंखें जो इस सुंदर प्रकृति का नजारा देख पाती हैं और 1 सेकंड के 10 हिस्से में 7 से 10 मिलियन Colors को देख पाती हैं ! क्या फायदा प्रकृति में उन आवाजों का अगर हमारे पास सुनने के लिए कान ही ना होते? क्या फायदा प्रकृति में गंध और सुगंध के होने का अगर हमारे पास घूमने के लिए नाक ही ना होती? क्या फायदा प्रकृति में तापमान का अगर हम ठंडे और गर्म को महसूस ही ना कर पाएं? अब सबसे बड़ी बात क्या फायदा सूर्य की रोशनी का अगर पृथ्वी ही ना हो या फिर क्या फायदा इस ब्रम्हांड के अस्तित्व में होने का अगर हमारा ही अस्तित्व ना हो ? समझ नहीं आता कि हम प्रकृति के लिए बने हैं या हमारे लिए प्रकृति या फिर यह सब इत्तेफाक है ! आप एक बार सोच कर देखिए कि क्या होता अगर हमारा दिल ही ना होता है या क्या होता अगर हमारा दिमाग ही ना होता ! यह सिर्फ हम इंसानों के शरीर की बात थी ! पृथ्वी पर तो ना जाने कितनी अनगिनत प्रजातियां मौजूद हैं जो कहीं ना कहीं हम इंसानों की तरह ही प्रकृति के साथ जुड़ी हुई हैं ! इस सब को इतने सटीक तरीके से किसने बनाया ? क्या यह सब इत्तेफाक से बना है ? आज हम इस पृथ्वी पर दूर-दूर तक इतनी सुंदर प्रकृति और जीवन को देखते हैं इसका वजूद बिल्कुल भी ना होता अगर पृथ्वी अपने अक्ष पर थोड़ी और तेज घूमती या थोड़ी और धीमी घूमती क्योंकि तेज होने पर आंधी तूफान बढ़ जाते और धीमी घूमने पर दिन के समय तापमान बहुत ज्यादा होता और रात के समय तापमान बहुत कम होता ! Music Credits Royalty free: bensound.com