У нас вы можете посмотреть бесплатно श्री गोरखनाथ धाम के साक्षत् दर्शन गोरखपुर उत्तर प्रदेश🙏🙏 или скачать в максимальном доступном качестве, которое было загружено на ютуб. Для скачивания выберите вариант из формы ниже:
Если кнопки скачивания не
загрузились
НАЖМИТЕ ЗДЕСЬ или обновите страницу
Если возникают проблемы со скачиванием, пожалуйста напишите в поддержку по адресу внизу
страницы.
Спасибо за использование сервиса savevideohd.ru
श्री गोरखनाथ धाम के साक्षत् दर्शन गोरखपुर उत्तर प्रदेश🙏🙏 #harishvlogger #trending #harishuvlogs #travel #gorkshnath dham🙏😍 #viral video #visited jun 24 गोरखनाथ मन्दिर, उत्तर प्रदेश के गोरखपुर नगर में स्थित है। बाबा गोरखनाथ के नाम पर इस जिले का नाम गोरखपुर पड़ा है। गोरखनाथ मन्दिर के वर्तमान महंत श्री बाबा योगी आदित्यनाथ जी हैं जो अपनी जाति त्याग कर नाथ जोगी बन गए,जो वर्तमान में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री भी हैं। मकर संक्रान्ति के अवसर पर यहाँ एक माह चलने वाला विशाल मेला लगता है जो 'खिचड़ी मेला' के नाम से प्रसिद्ध है। हिन्दू धर्म, दर्शन, अध्यात्म और साधना के अंतर्गत विभिन्न संप्रदायों और मत-मतांतरों में 'नाथ संप्रदाय' का प्रमुख स्थान है।[1] संपूर्ण देश में फैले नाथ संप्रदाय के विभिन्न मंदिरों तथा मठों की देख रेख यहीं से होती है। नाथ सम्प्रदाय की मान्यता के अनुसार सच्चिदानंद शिव के साक्षात् स्वरूप 'श्री गोरक्षनाथ जी' सतयुग में पेशावर (पंजाब) में, त्रेतायुग में गोरखपुर, उत्तरप्रदेश, द्वापर युग में हरमुज, द्वारिका के पास तथा कलियुग में गोरखमधी, सौराष्ट्र में आविर्भूत हुए थे। चारों युगों में विद्यमान एक अयोनिज अमर महायोगी, सिद्ध महापुरुष के रूप में एशिया के विशाल भूखंड तिब्बत, मंगोलिया, कंधार, अफ़ग़ानिस्तान, नेपाल, सिंघल तथा सम्पूर्ण भारतवर्ष को अपने योग से कृतार्थकिया। नाथपंथी या नाथवंशी का इतिहास-नाथपंथी या नाथवंशी यह मूल रूप से नाथ समाज की श्रेष्ठ जाति जोगी समाज से होते हैं! या यूं कह तो शिव के वंशज होते है जो शिव शैवनाथ ब्राह्मण के नाम से भी जाने जाते हैं यह एशिया में नेपाल में 20%, भारत 13.5%, भूटान 3% नाथ लोग मिलते हैं पाकिस्तान, अफगानिस्तान, चीन, नेपाल, तिब्बत, बांग्लादेश और रंगून में नाथवंशियो के अनुयाई को मानने वाली जो लोग होते हैं वे भी एक रूप से शैव संप्रदाय से ही जुड़े हुए होते हैं क्योंकि महावीर और बुद्ध नाथ समाज और नाथ संप्रदाय का एक सनातन धर्म के अनुसार एक प्राचीन ऐतिहास रहा है जिसका कहीं भी बहुत ही कम उल्लेख किया है क्योंकि वैष्णव ब्राह्मण ने नाथो इतिहास को लोगों से छुपाया है नाथ समाज के लोग सिद्ध महापुरुष और वीर लोग होते थे परम तपस्वी ज्ञानी कल का भी रुख मोड़ देने वाले ऐसे तपस्वी होते थे क्या-क्या में अपने मुख से कोई वचन कह देते तो वह सत्य बन जाती थी इतना तेज उनकी वाणी में होता था जब राजा महाराजाओं के यहां संतान नहीं होती थी तो ऐसी तपस्वी जोगी सन्यासियों के आशीर्वाद से संतान का सुख भोग पाते थे।